CG Liquor Scam: शराब घोटाला मामले में EOW के हाथ लगे अहम सबूत, ढेबर के खेत से मिले अधजले होलोग्राम…3 आरोपी गिरफ्तार
CG Liquor Scam: शराब घोटाला केस में एक बार फिर ईओडब्लू ने बड़ी कार्रवाई की है। जहां एजेंसी ने आरोपी अनवर ढेबर के पिता के धनेली स्थित खेत में गड़ा नकली होलोग्राम का जखीरा बरामद किया है।
CG Liquor Scam: ईओडब्ल्यू ने शराब का नकली होलोग्राम जलाकर खेत में गडढा खोदकर छिपाने वाले अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह एवं दीपक दुआरी को गिरफ्तार किया है। साथ ही, रायपुर के धनेली स्थित खेत में जेसीबी से 6 फीट गड्ढा खोदकर जले हुए पांच बाक्स बरामद किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक 2020 में ईडी की रेड के डर से अनवर ढेबर और अरविन्द सिंह के कहने पर बचे हुए डुप्लीकेट होलोग्राम को नष्ट किया गया था।
उक्त प्रकरण में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों की भूमिका को देखते विशेष न्यायाधीश की अदालत में गुरुवार को पेश कर पूछताछ के लिए 11 जुलाई तक रिमांड पर लिया गया है। 2500 करोड़ के आबकारी घोटाले का साक्ष्य मिटाने के लिए मुख्य आरोपी आरोपी अनवर ढेबर के खेत में इसे छिपाया गया था। यह खेत अनवर ढेबर के पिता का बताया जा रहा है।
जांच एजेंसी ने अधजली हालत में इसे बरामद किया है। इस होलोग्राम का उपयोग 2019 से 2022 तक सरकारी दुकानों में अवैध शराब की सप्लाई करने के इनपुट मिले है। बता दें कि इसमें अमित सिंह शराब घोटाले में न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए अरविंद सिंह का भतीजा है। इस समय शराब घोटाले में पूछताछ करने ईडी ने अरविंद को रिमांड पर लिया है।
CG Liquor Scam: ईओडब्ल्यू ने किया खुलासा
ईओडब्ल्यू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि 2019 से 2022 तक नकली होलोग्राम लगाकर अवैध रूप से अनवर ढेबर और उसके सिंडीकेट में शामिल लोग करोड़ों रुपए की वसूली करते थे। इसके जरिए शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई थी। बताया जाता है कि धनेली स्थित बरामद किए गए स्थान से अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और सिंडीकेट के अन्य लोगों के द्वारा नोएडा से नकली होलोग्राम का भंडारण, डिस्टलरियों को वितरण, खाली बोतल की डिस्टलरी को सप्लाई और अवैध शराब की बिक्री से मिली कमीशन का संग्रह किया जाता था।
CG Liquor Scam: यूपी STF के अफसरों को बताई ये बात
यूपी STF के अफसरों को पूछताछ में यह बताया था कि होलोग्राम बनाने का टेंडर नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (PHSF) को मिला था। वहीं से इन तीनों डिस्टलीरज को डूप्लीकेट होलोग्राम बनाकर भेजा जाता था। इन होलोग्राम को अवैध शराब पर लगाया जाता था।