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रायपुर

देख नहीं सकते लेकिन लिख दी 37 किताबें, लिम्का बुक में भी नाम दर्ज

सिंधी भाषा में गजल कलेक्शन पर मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार

रायपुरApr 05, 2024 / 11:29 pm

Tabir Hussain

देख नहीं सकते लेकिन लिख दी 37 किताबें, लिम्का बुक में भी नाम दर्ज

पत्रिका के रिपोर्टर ताबीर हुसैन से बातचीत करते लेखक विनोद आसुदानी।

आज एक ऐसे व्यक्तित्व से मुलाकात जो जन्म से ही नेत्रहीन हैं लेकिन आज करोड़ों लोगों के लिए न सिर्फ मिसाल हैं बल्कि प्रेरणापूंज भी। नागपुर के विनोद आसुदानी की अब तक 37 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे इंग्लिश के प्रोफेसर हैं। दसवीं से लेकर एमए और पीएचडी तक अव्वल रहे इसलिए उनका नाम लिम्का बुक रेकॉर्ड में दर्ज है। इतना ही नहीं वे देश के पहले दृष्टिहीन प्रैक्टिसिंग काउंसलर साइकोलॉजिस्ट भी हैं। हाल ही में वे एक साहित्यिक आयोजन में गजल पढऩे रायपुर आए थे। इस दौरान पत्रिका से एक्सक्लुसिव बातचीत में अपनी जर्नी साझा की। असुदानी ने 37 पुस्तकें प्रकाशित की हैं जिनमें से 19 उनकी अपनी रचना है। उनकी 19 कृतियों में से छह सिंधी में, दो हिंदी में और 11 अंग्रेजी में हैं। शेष 18 रचना विभिन्न लेखकों की सिंधी से अंग्रेजी में अनुवाद हैं और उनमें से पांच रचना उन लेखकों की हैं, जिन्होंने साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता है।

परिवार में 5 लोग दृष्टिहीन

पैरेंट्स ने कभी महसूस ही नहीं होने दिया कि मुझमें कोई कमी है। मैं पतंग उड़ाना चाहता था तो पतंग उड़ान सिखाया। टू व्हीलर चलाना चाहता था वह तो सिखाया। इसलिए नहीं कि रोड पर चला सकूं बल्कि इसलिए ताकि हीनभावना से ग्रस्त न हो जाऊं। निम्न मध्यम परिवार में जन्मा। आठ भाई-बहनों में हम 5 लोग दृष्टिहीन रहे। ये अपने आप में बहुत बड़ी त्रासदी बोली जा सकती है।
नेत्रहीनता विकलांगता नहीं लिमिटेशन है

दुनिया में हर व्यक्ति को कोई न कोई लिमिटेशन होती है। मैं भी उन्हीं में से एक हूं। नेत्रहीनता को मैं विकलांगता नहीं बल्कि लिमिटेशन मानता हूं।

ऐसे बचा सकते हैं मातृभाषा को

पहली बात तो यह कि घरों में हमें मातृभाषा बोलनी चाहिए। इससे एक अच्छा माहौल बनेगा और बच्चे भी अभ्यस्त होंगे। दूसरा यह कि पहली से दसवीं तक कोई भी एक विषय मातृभाषा में पढ़ाया जाना चाहिए। तभी मातृभाषा का संरक्षण हो पाएगा।

टेक्नोलॉजी ने बनाया इंडिपेंडेंट

मैं ड्राइविंग छोड़ बहुत से काम कर लेता हूं। इसके लिए मैंने तकनीक का सहारा लिया। रोजमर्रा के काम तो मैं कर ही लेता था लेकिन ऑडियो सॉफ्टवेयर के चलते मोबाइल हो या कम्प्यूटर आसानी से चला लेता हूं।

आरती ने दृष्टि नहीं दृष्टिकोण देखा

मेरी पत्नी देख सकती है। हमारी लवमैरिज हुई। मुझे इस बात की खुशी है कि आरती ने मेरी दृष्टि नहीं बल्कि दृष्टिकोण देखा। हमारे दो बच्चे हैं आस्था और विनय।

विजुअल इमेजेस नहीं बनते

जब भी मैं किसी से मिलता हूं या कुछ सुनता हूं तो मेरे माइंड में विजुअल इमेजेस नहीं बनते। यदि मैं उससे कभी मिला हूं तो उसकी आवाज या स्पर्श पहचान पाता हूं। मुझे डी जनरेशन ऑफ रेटिना की प्रॉब्लम है। अभी तक इसके इलाज की कोई तकनीक नहीं आई है। नेत्रहीनों के लिए काम करता हूं। हमारा एनजीओ कॉम्पीटेटिव एग्जाम के लिए क्लास चलाता है। साहित्य में काफी कुछ लिखना चाहता हूं।

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