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सैंपलिंग में कमी हाेने का कारण जांच अधिकारियों का चुनाव ड्युटी में शामिल होना बताया जा रहा है। एफएएसएसआई के निर्देशानुसार सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को एक दिन में कम से कम तीन सैंपल लेना जरूरी है। बता दें कि त्योहारी सीजन में खपत बढ़ने पर एक सप्ताह से मिठाईयां बनाकर स्टॉक करने का काम शुरू हो जाता है। इससे कई बार खराब मिठाईयां लोगों को परोस दी जाती है। मिष्ठान भण्डार संचालक को काउंटर में रखी मिठाइयों के ट्रे पर उसकी एक्सपायरी डेट लिखना है। तीन साल से लागू इस नियम का उल्लंघन जिले की अधिकांश मिठाई दुकानों में हो रहा है, लेकिन अभी तक एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई।
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यह है आदेश
फूड सेफ्टी एण्ड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की ओर से 1 अक्टूबर 2020 से नए प्रावधान लागू किए गए थे। इसके मुताबिक मिष्ठान भण्डार संचालक को काउंटर के भीतर मिठाई रखने से पहले प्रत्येक मिठाई की ट्रे पर एक्सपायरी डेट लिखना है। इससे ग्राहक को देखते ही पता चल जाए कि उक्त ट्रे में रखी मिठाई को वह कब तक खा सकता है, लेकिन इस प्रावधान का जिले में खुलेआम मखौल उड़ाया जा रहा है।
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दिवाली में 100 करोड़ का कारोबार, सैंपलिंग नहीं
जिले में 96 से ज्यादा मिठाई दुकानें रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा 17 नमकीन कारखाने का पंजीयन खाद्य एवं औषधि प्रशासन में हुआ है। दिवाली में रजिस्टर्ड दुकानों के अलावा 100 से ज्यादा अस्थाई दुकानें भी लग जाती है। महज दो दिन में ही 100 करोड़ कारोबार हो जाता है। इसके बाद भी विभाग सैंपलिंग में कोताही बरत रहा है।
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मिठाई के यह बने नियम
– बंगाली मिठाई उत्पाद से 36 घंटे से तीन दिन।
– मावे की मिठाईयां 48 घंटे से चार दिन तक।
– बेसन से बनी मिठाइयां सात से आठ दिन तक ही बेचने योग्य होंगी।
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खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, रमेश शर्मा, कंट्रोलर ने कहा –
उपभोक्ताओं की सेहत को देखते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने मानक तय किए हैं। जांच के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।