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रायपुर

2041 का मास्टर प्लान जल्द, 50 लाख की आबादी को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं, 65 गांव बनेंगे शहर

– 2021 का मास्टर प्लान दिसंबर में हो जाएगा खत्म, इसलिए 20 साल के लिए तैयारी अतिम चरणों में

रायपुरJan 02, 2022 / 06:19 pm

CG Desk

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रायपुर की सीमा से लगे 65 गांवों को ग्राम एवं नगर निवेश विभाग (टीएनसीपी) ने प्लानिंग एरिया में शामिल कर लिया है। लगभग 40 से 50 लाख तक की आबादी के मद्देनजर इन गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं होगी, साथ ही धीरे-धीरे ये गांव निगम सीमा में भी शामिल किए जाएंगे, जिससे इन गांवों में रहने वाली आबादी को आधुनिक सुविधाएं मिल पाएंगी। धरसींवा, नए-पुराने धमतरी रोड, मंदिर हसौद व दोंदेकला तक आने वाले गांवों में बिना नगर एवं ग्राम निवेश विभाग की अनुमति के निर्माण पर रोक पहले से ही लगी हुई है, वहीं सेजबहार, डंूडा, मुचगहन, दतरेंगा नया रायपुर और नया धमतरी रोड पर रियल एस्टेट के कई अर्फोडेबल और प्रीमियम प्रोजेक्ट 5 साल पहले ही लांच हो चुके हैं। इन गांवों को प्लानिंग एरिया और निगम में शामिल करने की मांग लंबे समय से होती आ रही है। मास्टर प्लान में शामिल करने के बाद गांवों में अव्यवस्थित विकास जैसे अवैध प्लाटिंग पर भी रोक लगेगी।

पुराने में थे 41 गांव, अब नया बन रहा लैंडयूज
पिछले मास्टर प्लान में नगर निगम सीमा से लगे 41 गांवों को शामिल किया गया था। नए मास्टर प्लान पर जल्द ही लैंडयूज तय कर दिया जाएगा। इससे उन लोगों को तकलीफ हो सकती है, जिन्होंने अवैध प्लाटिंग की है या कृषि भूमि को टुकड़ों में बेचकर अन्य निर्माण की योजना बना रहे हैं। लैंडयूज के मुताबिक ही आवासीय क्षेत्रों में मकान बनाया जा सकेगा। मास्टर प्लान में सड़कों का खाका भी तैयार किया जाएगा।

65 गांवों में बिना अनुमति निर्माण पर लगी रोक
नगर एवं ग्राम निवेश ने जिन 65 गांवों को प्लानिंग एरिया में शामिल करने के लिए चुना है, इन गांवों में अनुमति के बिना बड़े निर्माण पर रोक लगा दी गई है। अफसरों के मुताबिक लैंडयूज तय होने के बाद यदि कोई गलत निर्माण मिलेगा तो उसे नष्ट किया जा सकता है। इसके बाद भी आसपास के 2000 एकड़ जमीन पर अवैध प्लॉटिंग पहले से जारी है, जबकि प्लानिंग एरिया में शामिल गांवों में सभी तरह के निर्माण के लिए नगर एवं ग्राम निवेश की अनुमति आवश्यक है। ग्राम पंचायतों को अनुमति का अधिकार नहीं है।

सैंकड़ों में एकड़ में हो गई अवैध प्लाटिंग
मास्टर प्लान नहीं होने के कारण इन क्षेत्रों में वर्तमान में सैकड़ों एकड़ में अवैध प्लाटिंग हो चुकी है। इसकी शिकायत भी जिला, निगम और टीएनसीपी तक पहुंच चुकी है। अफसरों का कहना है कि प्लानिंग एरिया में शामिल नहीं करने की स्थिति में भविष्य में सड़क, बिजली, पानी सहित कई चीजों के लिए लोगों को परेशान होना पड़ता। अब रायपुर नगर निगम सीमा से लगे 102 गांवों में पहले से ही शहरी विकास के हिसाब से निर्माण की अनुमति दी जाएगी, जिससे व्यवस्थित बसाहट हो सके।

फैक्ट फाइल

मास्टर प्लान-2041 में संभावित आबादी- 40 से 50 लाख
वर्तमान मास्टर प्लान में शहर का फैलाव- 259 वर्ग किमी.

नए मास्टर प्लान के मुताबिक- 503 वर्ग किमी.
मास्टर प्लान-2021 में शामिल किए थे- 41 गांव

मास्टर प्लान- 2041 में शामिल होंगे- 65 नए गांव

मास्टर प्लान में ये गांव होंगे शामिल

बिलासपुर की तरफ
-तिवरैया, धरसींवा, बरोदा, सिलतरा, सांकरा, धनेली-1- बिलासपुर और दुर्ग रोड के बीच-गोमाची, हथबंद, तेंदुवा, गुमा, बाना, कारा, बोरझरा, बेंदरी, उरला, पठारीडीह, अछोली-2, कन्हेरा, कुम्हारी, निमोरा-1, सोंडरा, मुनरेठी, परसतराई, चिखली, बहेसर

बलौदाबाजार की तरफ-
-सड्डू, आमासिवनी, कचना, सांकरा-3, बरौंदा, सेमरिया, दोंदेखुर्द, दोंदेकला- बलौदाबाजार और बिलासपुर रोड के बीच

-परसुलडीह, भुरकोनी, लालपुर, छपोरा, मटिया, बरबंदा, टोर, मातर, गिरौद, नेउरडीह, टांडा, अकोली, नगरगांव, मोहदी, गोधी, गिधौरी- बलौदाबाजार और आरंग रोड के बीच-पिस्दा, तुलसीनया धमतरी रोड की तरफ

-सेजबहार, मुजगहन, खिलोरा, कांदुल, दतरेंगा, काठाडीह, डोमा- पुराना धमतरी और नया धमतरी रोड के बीच

-बोरियाकला, धनेली, भटगांव, धुसेरा, सिवनी, सिंगारभाठा

यह मिलेगा लाभ

– आसपास के क्षेत्रों का सुव्यवस्थित विकास होगा तो राजधानी में दबाव कम हो पाएगा।
– मूलभूत सुविधाओं का विकास व विस्तार करने में सरकारी एजेंसियों को सहूलियत होगी।

– आवास, व्यवसायिक, आमोद-प्रमोद समेत अन्य उपयोग के लिए क्षेत्र तय कर दिए जाएंगे।
– अव्यवस्थित विकास में सड़कें नहीं बन पातीं, मास्टर प्लान से चौड़ी सड़कें बन पाएंगी

– डूमरतराई की तर्ज पर अलग-अलग थोक कारोबार के लिए बाजार तय किए जा सकेंगे


चौड़ी सड़कें, सफाई, हॉस्पिटल, स्कूल आदि
इन गांवों में सड़कें, सफाई, ट्रैफिक, इंफ्र ास्ट्रक्चर और दूसरी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।चौड़ी सड़कें, सफाई, हॉस्पिटल, स्कूल आदि सुविधाएं लोगों को मिलेगी। पिछला मास्टर प्लान 2021 तक के लिए बनाया गया था। पहले प्लान में 30 और बाकी के दो में 70 वार्डों की को शामिल किया गया था। करीब 16 लाख की आबादी वाला शहर 259 स्क्वेयर किमी है। नया प्लान 503 स्कवेयर किमी के दायरे में बनाया जा रहा है।

पिछले दशकों में बनाए गए मास्टर प्लान से इस बार बनाया जा रहा मास्टर प्लान आकार में तीन गुना बड़े क्षेत्र का है। इतनी बड़ी आबादी के लिहाज से स्कूल, अस्पताल, पार्क, खेल मैदान, बाजार, पार्किंग सभी की जरूरतों को देखते हुए बेस प्लान बनाकर तैयार किया गया है।
संदीप बागड़े, संयुक्त संचालक
– नगर एवं ग्राम निवेश विभाग, रायपुर

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