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खरीदी की प्रक्रिया केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से होगी। सभी प्लांट पीएसए प्रेशर स्विंग ऐड्सॉप्र्शन (पीएसए) सिस्टम पर आधारित होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि इस स्वीकृति से राज्य को काफी मदद मिलेगी।यह भी पढें: रास्ते में उखड़ रही सांसें: हर दिन औसतन 9 मरीज मृत हालत में पहुंच रहे अस्पताल
प्रदेश में फिलहाल ऑक्सीजन उत्पादन की कमी नहीं है, कमी है तो ऑक्सीजनयुक्त बेड और ऑक्सीजन सिलेंडरों की। वर्तमान में छत्तीसगढ़ कई राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है, मगर ये ऑक्सीजन आपातकाल में उद्योगों से ली जा रही हैं। जिसकी वजह से उद्योगों में संकट आ गया है। केंद्र द्वारा स्वीकृत किए गए प्लांट से भविष्य में उद्योगों पर आश्रित नहीं रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग का अपने प्लांट होंगे। वर्तमान में 12 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगे हुए हैं।यह भी पढें: CM भूपेश ने लखनऊ के अस्पताल भेजा ऑक्सीजन का टैंकर, प्रियंका गांधी ने मांगी थी मदद
एक सिस्टम लगा, जिसके तहत निरंतर मिलती रहेगी ऑक्सीजन
इस नई व्यवस्था से सरकारी अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के टॉप अप के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो। निरंतर ऑक्सीजन सप्लाई होती है।