पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात, 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास व इन कार्यों का किया वर्चुअल उद्घाटन
पिछले दिनों विधानसभा में इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर ध्यानाकर्षण भी लगा था, लेकिन विभाग के आला अधिकारियों ने जांच जारी होने का हवाला देते हुए खानापूर्ति कर दिया। जानकारों की माने तो रेंजर व डिप्टी रेंजर का जवाब मिलने के बाद प्रतिपरीक्षण कर जांच रिपोर्ट शासन को भेजा जाना चाहिए, लेकिन जांच चलने का हवाला देते हुए जानबूझकर मामले को ठंडे बस्ते में डालकर दोनो ही अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं इस मामले में डीएफओ गणेश यूआर से संपर्क किया गया लेकिन फोन की घंटी बजती रही और मैसेज का भी कोई जवाब नहीं मिला।10 दिन बाद मिला था शव मामला सामने आने के बाद वन विभाग द्वारा जारी रिलीज में ही यह बताया गया था कि बाघ को लेकर लगातार मॉनिटरींग की जा रही थी, लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि बाघ के मौत का मामला उसके शिकार होने व दफनाने के 10 दिनों बाद सामने आया। इससे रेंजर व डिप्टी रेंजर द्वारा किए जा रहे मॉनिटरींग पर सवाल उठ रहा है।