मंगलवार को कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने विधानसभा में जोर-शोर से आंगनबाड़ी महिलाओं और सहायिकाओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार से आंगनबाड़ी महिलाओं और सहायिकाओं के मानदेय को लेकर सवाल-जवाब किये। अदिति सिंह ने सदन में सरकार से पूछा कि आंगनबाड़ी महिलाओं व सहायिकाओं को लेकर सरकार की क्या योजना है और इनका मानदेय कब बढ़ाया जाएगा? उन्होंने पूछा था कि क्या प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं द्वारा राज्य कर्मचारी घोषित किये जाने, वेतन बढ़ोत्तरी किये जाने एवं विनियमितीकरण किये जाने की सरकार की कोई योजना है?
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हर साल होता है आंगनबाड़ियों का बड़ा धरनासदन में कांग्रेस विधायक ने लोकसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पेश किये गये आंकड़ो का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 1 लाख 73 हजार 445 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां और 1 लाख 50 हजार 796 सहायिकायें कार्यरत हैं। मानदेय और अपनी मांगों के लेकर प्रदेश में हर साल आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं का बड़ा धरना जरूर होता है। लेकिन फिर भी इनका मानदेय काफी कम है। जबकि मानव संसाधन एवं विकास विभाग की स्थायी समिति की सिफारिशें इनका मानदेय बढ़ाने की बात कहती हैं।
अदिति सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के मानक पर राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं का मानदेय बढ़ा सकती है, लेकिन अभी तक इनका मानदेय नहीं क्यों नहीं बढ़ाया गया? जबकि देश के अन्य प्रदेशों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 1000 एवं सहायिकाओं का 500 रुपये मानदेय अधिक दिया जा रहा है।
कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने सदन में पूछा कि क्या राज्य सरकार केंद्र में ऐसा प्रस्ताव रखेगी, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग हो। अदिति सिंह ने पूछा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। उस समिति द्वारा इन कर्मचारियों के भविष्य पर क्या निर्णय लिया गया है?