मिली जानकारी के मुताबिक, राजेश राम पापुल को पुणे सिटी पुलिस क्राइम ब्रांच यूनिट-2 ने गिरफ्तार कर लिया है। 37 वर्षीय आरोपी कात्रज (Katraj) का रहने वाला है और उसे 12 सितंबर तक पुलिस रिमांड में भेजा गया है।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) रामनाथ पोकले और सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) श्रीनिवास घाडगे के नेतृत्व वाली एक टीम पिछले चार से पांच महीनों से ‘चोर राजा’ की तलाश कर रही थी। पोकले के अनुसार, चोर राजा ने बड़ी हाउसिंग सोसायटियों में घरों का ताला तोड़कर लूट की वारदात को अंजाम दिया है। इसलिए उसे ‘राजा’ के नाम से जाना जाने लगा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चोर राजा मोबाइल फोन या गैजेट्स का उपयोग नहीं करता है, इसलिए उसका पता लगाना मुश्किल था। उसने सात साल की उम्र से ही डकैती शुरू कर दी थी। वह जानता था कि पुलिस अपराधियों को कैसे ट्रैक करती है। इसलिए उसने कभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। नतीजतन, उसे गिरफ्तार करने में इतना समय लगा।
पुलिस क्राइम ब्रांच यूनिट के एक अधिकारी ने कहा कि उसे तभी पकड़ पाए जब उन्होंने उसके एक रिश्तेदार के जूते में जीपीएस मशीन लगाई। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान चोर राजा के लिए चोरी करना मुश्किल हो गया, क्योंकि ज्यादातर लोग तब घर से काम कर रहे थे। लेकिन सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाते ही उसने फिर से चोरी शुरू कर दी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने राजेश राम पापुल उर्फ़ चोर राजा को ट्रैक करने के लिए ‘चोर राजा’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। उसमें आरोपी से जुड़े सभी अपडेट पोस्ट किए जाते थे। इस बीच पुलिस को उसके मूवमेंट की खबर मिली और तब पुलिस ने जाल बिछाया और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों में चोरी के 14 मामले दर्ज हैं।