यह थी घटना की सारी कहानी कत्ल का खुलासा करते हुए रविवार शाम पुलिस लाइन सभागार में एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित ने दोनों गिरफ्तार आरोपितों को मीडिया के सामने पेश किया। बताया कि कृष्णा मोरे पुत्र गजानन नारायण मोरे महाराष्ट के रत्नागिरि जिले के खेड थाना क्षेत्र स्थित जांभुर्ड मनवलवाडी गांव का रहने वाला था। गजानन खेती करते हैं। वह अपने बड़े भाई महोदय नारायण मोरे के पास नौकरी करने के लिए मुंबई गया था, लेकिन काम नहीं मिलने के कारण रुका रहा। इसी बीच 18 मार्च को वह गायब हो गया और घर नहीं पहुंचा। काफी खोजबीन के बाद घरवालों ने गुमुशुदगी का मुकदमा दर्ज कराया।
कत्ल का वजह अबैध संबंध 20 मार्च को मिले युवक की लाश से पुलिस हैरानी में जरूर रही लेकिन हफ़्तों में कातिल को ढूंढ निकाला। युवक के कपड़े के जरिए मुंबई की कंपनी में संपर्क किया गया तो गुमशुदगी का पता चला और फिर घरवालों से संपर्क किया। उसके मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट खंगाली गई तो पता चला कि कृष्णा ट्रेन से छिवकी स्टेशन पर आया था और कुछ लोगों मिला था। इसी आधार पर बृज कुमार व सतीश पाठक को ट्रेस करके पकड़ा गया। पूछताछ में हत्या की कहानी खुल गई। बृज कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी अक्सर झगड़ा करने के बाद पालघर मुंबई अपने मायके चली जाती थी। उसी दौरान कृष्णा से उसका संपर्क हुआ और बातचीत होने लगी। जानकारी होने पर उसने विरोध किया तो पत्नी से झगड़ा हुआ, जिसके बाद वह फिर मुंबई चली गई। इससे नाराज बृज कुमार ने कृष्णा को फोन करके प्रयागराज बुलाया और फिर मामा के साथ बाइक से भीटा की पहाड़ी पर ले गया। वहां पत्थर से हमला करके मौत के घाट उतार दिया।
ऐसा खुला ब्लाइंड मर्डर अज्ञात शव को जब पुलिस ने जांच करने में जुटी तो दूध का दूध पानी हो गया। काफी प्रयास के बाद भी शिनाख्त नहीं हुई तो चैलेंज बढ़ गया। मर्डर ब्लाइंड था, लेकिन युवक के शरीर पर जो टीशर्ट थी उस पर भंडारी सर्किल कंपनी का लोगो था। पहले कंपनी ने जाैनपुर के एक युवक के बारे में बताया, लेकिन वह जिंदा था। तब शिनाख्त के रास्ते बंद हो गए। तब एसपी यमुनापार ने एएसपी चिराग जैन को इस काम में लगाया। उन्होंने थानाध्यक्ष घूरपुर धीरेंद्र सिंह के साथ कड़ी मेहनत करते हुए टीशर्ट के उसी लोगो के जरिए ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश किया।