नैनी जेल के अधीक्षक एसबी सिंह ने बताया कि सजा के ऐलान के बाद करवरिया बंधु विचाराधीन बंदी की जगह सजायाफ्ता कैदी बन चुके हैं। बताया कि 4 नवंबर को सजा मिलते ही करवरिया बंधुओं को भी कैदियों की तरह रहना होगा।जेल में काम करना होगा जेल में पढ़ाई ट्रेनर कंबल बनाना खाना बनाना साबुन बनाना या खेती के लिए काम मिल सकता है।कोर्ट से आदेश मिलने के बाद कैदियों का मेडिकल चेकअप होता है। उनके स्वास्थ्य उम्र और बीमारी के आधार पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक काम देते हैं ।इस मामले में डीआईजी बीआर वर्मा ने बताया कि जिन्हें कोर्ट सश्रम कारावास की सजा देती है ।उन कैदियों से काम लिया जाता है कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।
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बता दें कि करवरिया बंधु अभी नैनी जेल में सर्किल नंबर पांच के विशेष कक्ष में रखा गया है। जहां पर करवरिया बंधुओं के साथ अन्य कैदी भी बंद है। जेल प्रशासन के अनुसार माननीय को पहले से कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है। इसके कारण अब उन्हें बंदी बनने के बाद भी कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। बता दें कि जेल में सामान्य श्रेणी और विशेष श्रेणी की सुविधा है। इससे पहले 2017 में करवरिया बंधुओं को शिकायत मिली थी कि जेल में करवरिया बंधु अतिरिक्त सुविधाओं के साथ रह रहे हैं ।जिसके बाद जिले के आला अधिकारियों की छापेमारी के बाद तीनों भाइयों को मिर्जापुर जेल में शिफ्ट किया गया था। हालांकि कुछ महीनों बाद में दोबारा नैनी जेल स्थानांतरित कर दिया गया।