त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सरकार ने की मोटी कमाई, एनओसी बनवाने के लिए प्रत्याशियों को देने पड़े इतने रुपये
प्रयागराज. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो चुका है। यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव में सरकार के करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। लेकिन 27 मार्च से तीन अप्रैल के बीच जिला प्रशासन अनापत्ति प्रमाण पत्र बनाने और जमानत राशि जमा करवाने में 7 करोड़ 78 लाख 53 हजार 700 रुपये की कमाई भी की है। दरअसल, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को कुछ जरूरी कागजात बनवाने पड़ते हैं। इसके लिए सरकार ने कुछ शुल्क निर्धारित कर रखा था। थोड़ा-थोड़ा कर हजारों प्रत्याशियों ने यह शुल्क दिया तो इसकी राशि यानी कि इससे कमाई करोड़ों में हो गई।
चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशी को जिला पंचायत और ग्राम पंचायत से एनओसी लेना होता है। इससे पता लगता है कि उस प्रत्याशी का जिला पंचायत या ग्राम पंचायत में बकाया है, तो वह उसे जमा कर दे। यह बकाया इस बार तो कुछ लाख रुपये ही था लेकिन एनओसी बनवाने में 40679 प्रत्याशियों को एक करोड़ 22 लाख तीन हजार सात सौ रुपये देने पड़े। इसके अलावा प्रत्याशियों को जमानत राशि भी देनी पड़ी। यह जमानत राशि जिला पंचायत सदस्य के लिए चार हजार रुपये थी। जिला पंचायत के लिए 1620 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा। इन प्रत्याशियों ने जमानत राशि के रूप में सरकार को 64 लाख 80 हजार रुपये दिए। ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्यों के लिए जमानत राशि दो हजार रुपये निर्धारित थी। इन लोगों ने जमानत राशि के रूप में 5 करोड़ 28 लाख 54 हजार रुपये जमा किए।
नामांकन में आधा किलो सोना पहन कर पहुंचे पूर्व जिला पंचायत सदस्य उत्तर प्रदेश में इन दिनों पंचायत चुनाव होने हैं, जिसके लिए राजनीतिक दल तैयारी में जुटे हैं। यूपी पंचायत चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए प्रत्याशी अलग-अलग पैतरें अपना रहे हैं। हरदोई के हरपालपुर तृतीय सीट से अपनी पत्नी के नामंकन के लिए पहुंचे पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेश मिश्रा जब आए, तो लोग उन्हें देखते ही रह गए। राजेश ने 500 ग्राम से ज्यादा सोने के गहने पहने हुए थे जिनकी कीमत 25 लाख रुपये से ज्यादा है। राजेश मिश्रा जैसे ही अपनी पत्नी के साथ नामांकन भरने आए, तो उन्हें सोने से लदा देख लोगों की आंखे खुली की खुली रह गईं।