scriptUP Assembly Elections: अखिलेश यादव के दांव से मुश्किल में डिप्टी सीएम केशव मौर्या, अब कौशाम्बी की बहू देंगी यहाँ के बेटे को टक्कर | UP Election 2022 Keshav Maurya fight with Pallavi patel from Sirathu A | Patrika News
प्रयागराज

UP Assembly Elections: अखिलेश यादव के दांव से मुश्किल में डिप्टी सीएम केशव मौर्या, अब कौशाम्बी की बहू देंगी यहाँ के बेटे को टक्कर

यूपी के केंद्र बिंदु में कौशाम्बी की सिराथू विधानसभा सीट पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मुकाबले सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल को मैदान में उतरने वाली सियासत उलझ गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस सीट को अपना दल के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल की छोटी बेटी पल्लवी पटेल के नाम का ऐलान कर दिया है। इसके समाजवादी प्रमुख अब उसी सीट से पल्लवी को लड़ाना चाहते हैं।

प्रयागराजFeb 06, 2022 / 03:38 pm

Sumit Yadav

UP assembly elections 2022: अखिलेश यादव के दांव से मुश्किल में पड़ सकते हैं केशव प्रसाद मौर्या, अब कौशाम्बी की बहू देंगी कौशाम्बी के बेटे को टक्कर

UP assembly elections 2022: अखिलेश यादव के दांव से मुश्किल में पड़ सकते हैं केशव प्रसाद मौर्या, अब कौशाम्बी की बहू देंगी कौशाम्बी के बेटे को टक्कर

प्रयागराज: समाजवादी पार्टी ने प्रयागराज के सभी विधानसभा क्षेत्र में अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। इसके साथ ही प्रयागराज जिले से सटे कौशाम्बी जिला भी खास हो गया है। इस जिले के सिराथू विधानसभा सीट से भाजपा के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या मैदान में उतरे है तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने अपना दल कमेरवादी से पल्लवी पटेल को मैदान में उतार का ऐलान कर दिया है। लेकिन पल्लवी पटेल ने अभी स्पष्ट नहीं किया है कि वह सिराथू से चुनाव लड़ेंगी। पल्लवी पटेल को लेकर अभी भी लोगों में संशय बरकरार है। जनपद में यह भी चर्चा है कि एक तरफ जहां कौशाम्बी का बेटा है तो वहीं दूसरी ओर कौशाम्बी की बहू टक्कर देने के लिए तैयरी में जुटी है।
उलझ गई है सियासत

यूपी के केंद्र बिंदु में कौशाम्बी की सिराथू विधानसभा सीट पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मुकाबले सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल को मैदान में उतरने वाली सियासत उलझ गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस सीट को अपना दल के संस्थापक डॉक्टर सोनेलाल पटेल की छोटी बेटी पल्लवी पटेल के नाम का ऐलान कर दिया है। इसके समाजवादी प्रमुख अब उसी सीट से पल्लवी को लड़ाना चाहते हैं। अपना दल कमेरवादी के कुछ कार्यकर्ता पल्लवी पटेल के लिए सुरक्षित सीट मांग रहे हैं। समाजवादी पार्टी और अपना दल कमेरवादी में खींचतान मचा है। अभी यह फाइनल नहीं हुआ कि कौशाम्बी की बहू पल्लवी पटेल मैदान में आएंगी की नहीं यह संशय बना है।
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अभी तक नहीं हुआ है कोई निर्णय

समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव के ऐलान के बाद से अबतक कोई भी निर्णय नहीं हुआ कि अपना दल से पल्लवी पटेल का टिकट बदला जाने का। भाजपा उपमुख्यमंत्री केशव के सामने टिकट मिलने से राजनीतिक उथल पुथल तेज हो गई गई है। जानकारी मिली है कि पल्लवी पटेल ने अखिलेश यादव से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन आगरा के चुनावी दौरे पर होने की वजह से उनसे बात नहीं हो सकी। देर रात तक उनका टिकट बदले जाने को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका था।
शहर पश्चिम या प्रतापगढ़ से लड़ना चाहती हैं पल्लवी

अपना दल कमेरवादी की नेत्री पल्लवी पटेल ने यह मंशा जताया था कि वह प्रयागराज शहर पश्चिमी सीट या फिर प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन कौशाम्बी के सिराथू विधानसभा सीट से टिकट मिलने से अभी राजनीति घमासान समाजवादी में मचा है। वह सिराथू को छोड़ किसी भी दूसरी सीट से लड़ने के लिए तैयार हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा गठबंधन अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन पल्लवी के सिराथू से आने यहां कुर्मी मतों के बिखरने का खतरा है। ऐसे में भाजपा के भी रणनीतिकार नहीं चाहते ही पल्लवी सिराथू से उम्मीदवार बनें।
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क्या कहे पल्लवी के पति

2019 लोकसभा चुनाव में फूलपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे पल्लवी पटेल पति पंकज निरंजन ने कहा कि समाजवादी गठबंधन का पूरा सम्मान है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह निर्णय लिया है कि पल्लवी पटेल सिराथू से उपमुख्यमंत्री के खिलाफ मैदान में उतरे लेकिन पल्लवी पटेल का मन नहीं है। जानकारी यह भी है कि पल्लवी पटेल की मंझनपुर से लगे कोरीपुर गांव में उनका ससुराल है। जिसकी वजह से बात बनने में उलझ रही है। अगर पल्लवी पटेल सिराथू से मैदान में उतरी तो पटेल मतदाताओं में बटवारा हो सकता है। उधर भाजपा गठबंधन की सहयोगी पार्टी अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी है। यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अखिलेश यादव के इस दांव से डिप्टी सीएम की राह अब आसान नही है।
जाने इस सीट का इतिहास

समाजवादी पार्टी 2014 का उप चुनाव को जीत चुकी है। सिराथू सीट के इतिहास की बात करें तो अब तक यहां से सपा ने सिर्फ 2014 के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। साल 1993 से लेकर साल 2007 तक यह क्षेत्र आरक्षित था और बहुजन समाज पार्टी के विधायक ने ही जीत हासिल की थी। 2012 में जब सीट सामान्य हुई तो भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने यहां से जीत दर्ज की थी। इसके बाद से यह सीट वीआईपी बन गई।

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