इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर उस आवेदन पर सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसमें कोर्ट के 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया गया था। इस आदेश में हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष की ओर से दायर सभी मामले से संबंधित सभी मुकदमों को एक साथ जोड़ दिया था। इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता तस्नीम अहमदी ने कहा कि 11 जनवरी 2024 के कोर्ट के उस आदेश को वापस लिया जाना चाहिए, जिसके तहत सभी मुकदमों को एक साथ जोड़ दिया गया था।
Mathura Krishna Janmabhoomi case: हिंदू पक्ष का कहना है कि एक बार जब कोर्ट की यह राय बन जाती है कि राहतें समान हैं, संपत्ति समान है और प्रतिवादी भी समान हैं तो मुकदमों को एक साथ जोड़ना कोर्ट का अधिकार क्षेत्र है। हिंदू पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि एक साथ जोड़ने का मतलब यह नहीं है कि सभी मुकदमों को लड़ने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। कोर्ट ने 11 जनवरी 2024 के अपने आदेश में विवाद से संबंधित 15 मुकदमों को एक साथ लाने के निर्देश जारी किए थे।