Mahakumbh 2025: प्लास्टिक का इस्तेमाल किए बिना और कम प्रदुषण के फ्यूल से ‘ग्रीन’ और ‘क्लीन’ बना महाकुंभ
Mahakumbh 2025: पूरा देश महाकुंभ 2025 के रंग में रंगा है। आम इंसान हो या सिलेब्रिटी सब कम से कम एक दिन के लिए महाकुंभ 2025 में आने का मौका खोज रहे हैं। कुछ बिजनेस ग्रुप इस मौके को आध्यात्मिक संकल्प के तौर पर देख रहे हैं।
Mahakumbh 2025: एक बिजनेस ग्रुप इस्कॉन के साथ मिलकर आध्यात्मिक संकल्प को पूरा कर रहा है। महाकुंभ के मौके पर ना सिर्फ अध्यात्मिक बल्कि ग्रीन एनर्जी और साफ-सुधरे वातारवरण के संकल्प को पूरा करने भी पूरा किया जा रहा है। महाकुंभ मेले में प्रतिदिन 1 लाख लोगों को महाप्रसाद के वितरण का कार्यक्रम पूरी तरह से ग्रीन एंड क्लीन के मंत्र से चल रहा है।
लोकल दुकानदारों से खरीदारी, पूरे प्रयागराज की भागीदारी
महाकुंभ में लाखों लोगों के लिए प्रतिदिन खाना बनाने के लिए सब्जियों की खरीदारी पूरी तरह से लोकल दुकानदारों से की जाती है। हर रोज एक रसोई में 150 क्विंटल सब्जी की खपत होती है। पूरी महाकुंभ सिटी में इस तरह से 3 विशाल रसोई बनाए गए हैं। इस लिहाज से प्रतिदिन लोकल दुकानदारों से 450 क्विंटल सब्जी की खरीदारी होती है। इसे प्रतिदिन सुबह खरीदकर किचन स्थल तक पहुंचाया जाता है।
महाकुंभ 2025: फैक्ट फाइल
ग्रीन फूड-क्लीन फूड
खाना बनाते और परोसते वक्त प्लास्टिक या पॉलिथीन का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित है। सभी कार्य ऑर्गेनिक तरीके से ही किया जाता है। मिसाल के तौर पर खाना परोसने के लिए पत्ते से बनी थाली का इस्तेमाल किया जाता है और पानी पीने के लिए भी प्लास्टिक के गिलास का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
आर्गेनिक बना महाकुंभ
खाना जिन पत्तलों में परोसा जाता है उनकी खरीदारी पूरी तरह से लोकल दूकानदारों से की जाती है। रोज 3 लाख से ज्यादा पत्तलों का इस्तेमाल होता है जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक होते हैं और इससे निकला कचरा पर्यावरण को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाता।
ग्रीन गॉल्फ कार्ट कर रही हैं श्रृद्धालुओं की सेवा
बैटरी से चलने वाली अपनी ग्रीन गॉल्फ कार्ट सेवा कुंभ मेला स्थल के सेक्टर 19 में स्थिति इस्कॉन द्वारा स्थापित केंद्र के पास शुरू की है। यहां पर लगी गॉल्फ कार्ट लगातार सेवाएं दे रही है। सुबह 6 बजे से लेकर देर रात तक कार्ट लोगों को तय सीमातक ले जाने का काम करती हैं। मुख्यतः बुजुर्ग और बच्चे इस निशुल्क सेवा का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। यह सेवा 9 जनवरी 2025 से शुरू हुई है और 14 फरवरी 2025 तक लगातार उपलब्ध रहेगी।
खाना बनाने के लिए भी ग्रीन ईंधन का इस्तेमाल होता है। खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस के साथ ही गाय के उपलों का इस्तेमाल किया जाता है। प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाले हजारों किलो उपले इस्कॉन कि विभिन्न सेंटर्स और लोकल वेंडर्स की तरफ से उपलब्ध कराए जाते हैं।