29 जनवरी को शाही रथ पर सवार होंगी हर्षा
यहां अखाड़ा परिषद और निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने घोषणा की कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व पर वह स्वयं मॉडल हर्षा को निरंजनी अखाड़े के शाही रथ पर सवार कर संगम तक ले जाएंगे। ऐसा इसलिए ताकि वह संतों के साथ भगवा वस्त्र पहनकर त्रिवेणी की पवित्र धारा में पुण्य की डुबकी लगा सकें।
संन्यास और सौंदर्य के बीच घमासान की संभावना
मॉडल हर्षा रिछारिया को फिर से शाही रथ पर सवार कर संगम भेजने की निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष की घोषणा के बाद, संन्यास और सौंदर्य के बीच संतों में मचा घमासान तेज होने की उम्मीद है। इस निर्णय से धार्मिक परंपराओं और आधुनिकता के बीच एक नया तनाव उत्पन्न हो सकता है। स्वामी आनंद स्वरूप ने जताई आपत्ति
शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि महंत रविंद्र पुरी को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए। उनका कहना था कि चूंकि वह अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हैं, इसलिए सनातन धर्म की रक्षा की जिम्मेदारी उनकी है। ऐसे में उन्हें मॉडल हर्षा को फिर से शाही रथ पर सवार कराने का अपना इरादा त्याग देना चाहिए, ताकि धर्म की परंपराओं और मूल्यों की गरिमा बनी रहे।