scriptMahakumbh 2025: प्रयागराज में सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का अद्भुत संगम, टूटेंगी कई धारणाएं | Mahakumbh 2025 Amazing confluence security responsibility and technology in Prayagraj many perceptions will be broken | Patrika News
प्रयागराज

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का अद्भुत संगम, टूटेंगी कई धारणाएं

Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ‘फिल्मी महाकुंभ’ में लोगों के खोने और फिर सालों बाद मिलने की धारणा को तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली है। अब कुंभ मेले में हर व्यक्ति का ध्यान रखा जाएगा, कोई भी अब अपनों से नहीं बिछड़ेगा और ऐसा हुआ भी तो वह जल्द से जल्द अपने परिवार से मिल सकेगा।

प्रयागराजOct 16, 2024 / 04:24 pm

Vishnu Bajpai

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का अद्भुत संगम, टूटेंगी कई धारणाएं

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का अद्भुत संगम, टूटेंगी कई धारणाएं

Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ‘फिल्मी महाकुंभ’ में लोगों के खोने और फिर सालों बाद मिलने की धारणा को तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली है। अब कुंभ मेले में हर व्यक्ति का ध्यान रखा जाएगा, कोई भी अब अपनों से नहीं बिछड़ेगा और ऐसा हुआ भी तो वह जल्द से जल्द अपने परिवार से मिल सकेगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण और पुलिस विभाग ने मिलकर इस बार के महाकुंभ मेले में एक उच्च तकनीक से युक्त खोया-पाया पंजीकरण प्रणाली से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित करेगा। यह नई पहल सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का अद्भुत संगम है, जो महाकुंभ मेला को सुरक्षित और सुखद अनुभव बना देगी।

खत्म होगी फिल्मी ड्रामे की कहानी

योगी सरकार की पहल अब उस ‘फिल्मी ड्रामे’ को हकीकत से दूर ले जाकर सुरक्षा और पुनर्मिलन की नई कहानी लिखने को तैयार है। कुंभ मेले में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों को अब भीड़ में खोने का डर नहीं रहेगा, क्योंकि सरकार की यह नई प्रणाली खोए हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और शीघ्र उनके परिजनों से मिलाने का भरोसा देगी।
यह भी पढ़ें

प्लास्टिक फ्री होगा महाकुंभ मेला, अधिकारी तैयार कर रहे व्यापक रणनीति

फिल्मों से कैसे जुड़ा प्रयागराज महाकुंभ का रिश्ता?

भारतीय सिनेमा में कुंभ मेले की भीड़ से अलग हुए लोगों की कहानियां एक स्थायी कथानक रही हैं। फिल्मों में गंभीर संवाद हो या हास्य, कहीं न कहीं कुंभ मेले में बिछड़ने वाले डायलॉग सुनने को मिल ही जाते हैं। चाहे वो 1943 में आई फिल्म ‘तकदीर’ हो या 70 के दशक में आई फिल्म ‘मेला’। इनमें भाइयों के मेले में बिछड़ने की कहानी ने सिनेमा के पर्दे पर वर्षों तक दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी।

योगी सरकार ने तस्वीर बदलने का उठाया बीड़ा

इन कहानियों का मुख्य आधार यही था कि भीड़ में खो जाने के बाद, अपने प्रियजनों को खोज पाना लगभग असंभव होता था। लेकिन, अब इस हाई-टेक खोया-पाया केंद्र की बदौलत, महाकुंभ मेले में ऐसा ‘फिल्मी’ बिछड़ने वाला दृश्य शायद ही देखने को मिले। इन केंद्रों में खोए हुए व्यक्तियों का डिजिटल पंजीकरण होगा, जिससे उनके परिवार या मित्र आसानी से उन्हें खोज सकेंगे। साथ ही सभी लापता व्यक्तियों के लिए केंद्रों पर उद्घोषणा की जाएगी। पहले जहां एक मेला कई परिवारों के लिए बिछड़ने और असहाय खोज की दुखभरी गाथा लेकर आता था, अब वही मेला उनके पुनर्मिलन की एक नई कहानी लिखने जा रहा है।

प्रयागराज में स्‍थापित होगा डिजिटल खोया-पाया केंद्र

महाकुंभ-2025 में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सरकार ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना करेगा, जो खोए हुए व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए तकनीक का सहारा लेते हैं। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का पंजीकरण तुरंत किया जाएगा और उसकी जानकारी को अन्य केंद्रों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और एक्स (पहले ट्वीटर) पर भी प्रसारित की जाएगी। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।
यह भी पढ़ें

महाकुंभ में संदिग्धों की एआई से निगरानी, कमांड सेंटर को एसे करेगा सतर्क

12 घंटे में पीड़ित को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाएगी पुलिस

जहां फिल्मी कहानियों में खोए हुए व्यक्तियों को ढूंढने में सालों लग जाते थे, वहीं अब 12 घंटे के भीतर अगर कोई अपने खोए हुए सदस्य का दावा नहीं करता है, तो पुलिस हस्तक्षेप करके उन्हें सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक खोया हुआ महसूस न करे, और वह जल्द से जल्द अपने परिवार से मिल सके।
पुरानी फिल्मों में, कुंभ मेले में बिछड़ने के बाद अक्सर परिवारों का मिलन संयोग पर आधारित होता था, किसी चमत्कार या किस्मत के भरोसे। लेकिन, अब योगी सरकार की इस नई पहल के तहत हर खोए हुए व्यक्ति की पहचान और सुरक्षा की जिम्मेदारी खोया-पाया केंद्र और पुलिस की होगी।

महिलाओं और बच्चों को योगी सरकार दे रही प्राथमिकता

खासतौर पर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला का दावा करने पर पहले उनकी पहचान की पुष्टि करनी होगी। अगर कोई संदेह होता है तो तत्काल पुलिस को सूचित किया जाएगा ताकि बच्चा या महिला सुरक्षित हाथों में जाए। यह व्यवस्था उन फिल्मी कहानियों को पूरी तरह बदल देती है, जहां खोए हुए बच्चे को गलत हाथों में सौंप दिया जाता था और उसके जीवन में नाटकीय बदलाव आते थे।
यह भी पढ़ें

महाकुंभ-2025 में ‘नेत्र कुंभ’ की स्थापना, 9.15 करोड़ का बजट, श्रद्धालु करा सकेंगे अपनी आंखों की जांच

अब, जब कोई व्यक्ति कुंभ मेले में खोता है तो उसे सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत उसका ख्याल रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणित है। इससे पहले की कहानियों में जहां बिछड़ने का दर्द और फिर मिलने की खुशी का एक लंबा सफर होता था, अब सरकार की इस पहल ने इस प्रक्रिया को सरल, तेज और सुरक्षित बना दिया है।

Hindi News / Prayagraj / Mahakumbh 2025: प्रयागराज में सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का अद्भुत संगम, टूटेंगी कई धारणाएं

ट्रेंडिंग वीडियो