देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ,नेताजी सुभाष चंद्र बोस ,डॉ राम मनोहर लोहिया और अटल बिहारी बाजपेयी छात्र संघ के मानद सदस्य रहे। पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा पूर्व उपराष्ट्रपति गोपाल स्वरूप पाठक ,राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन, मदन मोहन मालवीय, यूपी के पूर्व सीएम पंडित गोविंद वल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा यहाँ छात्र रहे ।पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ,पूर्व पीएम चंद्रशेखर, नारायण दत्त तिवारी , गुलजारी लाल नंदा, पूर्व राज्यपाल डॉ राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी एमपी के पूर्व सीएम अर्जुन सिंहए बिहार के पूर्व सीएम सत्येन्द्र नारायण सिन्हा ,सुभाष कश्यप छात्र संघ के पदाधिकारी रहे।
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छात्रसंघ चुनाव को समाप्त कर विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र परिषद के गठन करने की घोषणा कर चुका है । जिसका विरोध जारी है, इसके पहले भी 2007 में छात्र संघ बैन हुआ था ,जो पांच सालों के लंबे संघर्ष के बाद 2012 में बहाल हुआ। एक बार फिर कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू की अगुवाई में छात्र संघ का स्वरूप बदल के छात्र परिषद गठित किया जा रहा है । कैम्पस से छात्र संघ चुनाव को समाप्त कर दिया गया है। इसके पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन लिंगदोह की सिफारिशों की दुहाई दे रहा है।लेकिन छात्र नेताओं ने इसे विश्वविद्यालय प्रशासन का तानाशाही रवैया करार दिया है।छात्र नेताओं का कहना है कि छात्रसंघ को समाप्त करना एक साजिश है,क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने वाले छात्र संघ को समाप्त करके विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मनमानी करेगा। वही विवि के अधिकारीयों की माने तो कैम्पस में पठन -पाठन का माहौल बनाने और छात्रों के बीच वर्चस्व की जंग समाप्त करने और छात्रावासों में पूर्व छात्रनेताओं का अड्डा खत्म करने की दिशा में यह बड़ा निर्णय है। विवि प्रशासन का कहना है की कैम्पस में लिंगदोह की सिफारिसों को लागू किया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों सहित छात्रों से बात की।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रतिनिधित्व करने वाले और परिषद की पैनल से विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन क्रियाकलापों के खिलाफ हमने आवाज उठाई ब्लैक लिस्टेड किया गया। कहा कि विश्वविद्यालय के टेंडरों के खिलाफ हम बोले तो छात्रावास में प्रवेश पर रोक लगा दी।रोहित मिश्रा के अनुसार छात्र राजनीति में आने से पहले उन पर कभी कोई मुकदमा नहीं था लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने मुकदमों की लंबी लिस्ट दी। शिक्षक भर्ती के खिलाफ आवाज उठाई तब एक महीने की जेल मिली। रोहित ने बताया की मैं पांच साल के लिए से निष्कासित हूं।रोहित ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यहाँ छात्र.छात्राओं का शोषण हो रहा है। छात्र संघ को बंद करने का निर्णय पाप की तरह है।आजादी के आंदोलन ,जेपी मूवमेंट और आपातकाल के खिलाफ विश्वविद्यालय का छात्र संघ ने अपनी आवाज उठाई है। जिसमें ताला लगाया जा रहा यह बेहद दुखद है। रोहित मिश्रा ने कहा कि हम इसे स्वीकार करने वाले नहीं है। इसका विरोध होगा संसद से लेकर सड़क तक विद्यार्थी परिषद इस पर काम करेगी।
समाजवादी छात्र सभा
समाजवादी छात्र सभा का झंडा बुलंद करने वाले विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव ने कहा कि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्र संघ की बैन होने की साजिश के पीछे केंद्र शासित भारतीय जनता पार्टी भी है। पूरे देश के छात्र संघों में ताला लगा है।भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारी विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बैठकर चाय पीते हैं।लेकिन वही के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं को पांच साल के लिए कैंपस से बाहर निकाल दिया जा रहा है। लेकिन सरकार कुछ नही कर रही है। अवनीश ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत में भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय का छात्र संघ अपनी आवाज बुलंद किया रहा लेकिन दुर्भाग्य है कि भाजपा की सरकार में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ पर ताला लगाया जा रहा है।
एनएसयूआई नेता
वही कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के नेता और विवि के उपाध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि विश्वविद्यालय में पूरी तरीके से संवाद हीनता व्याप्त है।हम अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के पास जाते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन थानों के माध्यम से बात करता है। मुकदमे लिखवाया जाता है, नोटिस जारी करता है या कोर्ट के जरिए हम से संवाद स्थापित किया जाता है, हमें नोटिस जारी की जाती है वह नोटिस होती है। परिसर में हमारे प्रवेश पर बैन लगाया जाता है। हमें ब्लैक लिस्टेड करने का कम होता है। इसके बाद विवि प्राशासन हमारी डिग्रियां रद्द करने की कोशिश में लग जाता हैं। अखिलेश ने कहा कि कुलपति के खिलाफ गंभीर आरोप पर मैंने आवाज उठाई जिसका खामियाजा है की मै कैम्पस में नही आ सकता ।