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राजनीति

टाईगर रिजर्व में जंगली हाथी बना रहे अपना रहवास, बनेगा हाथी प्रोजेक्ट कारीडोर

– जंगली हाथियों के मूवमेंट और लगातार उत्पात पर अफसरों का मंथन, शासन को भेजेंगे प्रस्ताव- प्रभावित क्षेत्रों में ज्यादा फोकस, बाघ की तरह हाथियों के साथ भी रहने का सिखाएंगे तरीका

Apr 22, 2022 / 10:27 am

दीपेश तिवारी

New Wild Elephant Corridor in india

New Wild Elephant Corridor in india

उमरिया। जंगली हाथियों के मूवमेंट और लगातार उत्पात को देखते हुए व साथ ही मानव द्वंद की स्थिति भी को निर्मित होने से बचाने के लिए अब हाथी प्रोजेक्ट पर काम करते हुए कॉरिडोर बनाया जाएगा। बताया जाता है कि विगत वर्षो से लगातार हाथियों का बांधवगढ़ की तरफ आना हो रहा है और फिर बांधवगढ़ के जंगल को ही ये जंगली हाथी अपना ठिकाना बना रहे है। इसे देखते हुए हाथियों के लिए कॉरिडोर प्रोजेक्ट जरूरी है।

दरअसल छत्तीसगढ़ के रास्ते लगातार मध्यप्रदेश पहुंचने वाले जंगली हाथियों के द्वारा कई बार उत्पात मचाया जाता है। ऐसे में इसे लेकर बांधवगढ़ नेशनल पार्क में एक बैठक आयोजित की गई। जिस पर वन विभाग के अफसरों ने नेशनल पार्क में बढ़ रहे जंगली हाथियों के उत्पात को किस तरह से नियंत्रित किया जाए, इस पर मंथन किया गया।

हाथियों के लिए कॉरिडोर बनाने की तैयारी कर बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

माना जा रहा है कि यदि इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो काफी हद तक हाथियों का उत्पात कम हो जाएगा। बैठक में टाईगर रिजर्व बांधवगढ़, शहडोल जिले के अमझोर, जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र जनकपुर , ब्यौहारी पश्चिम और सीधी जिले का कुछ एरिया शामिल किया गया है। हाथी कारीडोर प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

20 अप्रैल को बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व ताला में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में चर्चा और सुझावों के बाद इस बात का निर्णय लिया गया कि क्यों न इस पूरे क्षेत्र को हाथी प्रोजेक्ट कारीडोर घोषित कर दिया जाए। सहमति बनने के पश्चात ही इसे हाथी का कारीडोर बनाने का निर्णय लिया गया।

इसमें शहडोल वन विभाग उमरिया वन विभाग और बांधवगढ़ पार्क सहित राजस्व अमले की टीम इस पर काम करेगी और प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजेगी। शासन की मंजूरी मिलते ही हाथी कारीडोर व विचरण क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा।
हाथी वापस नहीं लौटे
छत्तीसगढ़ से जनकपुर के रास्ते जयसिंहनगर अमझोर ब्यौहारी के बाद बांधवगढ़ पहुंचे जंगली हाथियों का दल वापस नहीं लौटा और बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में अपना रहवास बना चुके हैं।

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