पुणे में पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर राज्य के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “राहुल गांधी परभणी सिर्फ राजनीतिक मकसद से आए थे, ये सिर्फ एक राजनीतिक मुलाकात थी, इसके जरिये उन्होंने जाति के आधार पर लोगों के बीच नफरत पैदा करने की कोशिश की। वो ये काम पिछले कई सालों से कर रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि उन्होंने अपना नफरत फैलाने का काम आज परभणी में पूरा किया।”
‘किसी को नहीं छोड़ेंगे, कठोर से कठोर कार्रवाई करेंगे’
फडणवीस ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “महाराष्ट्र सरकार इस मामले पर संवेदनशील है, इसलिए हमने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की है। न्यायिक जांच में सब सच सामने आ जाएगा, कुछ भी छुपाने की जरूरत नहीं है.. अगर उस जांच में यह बात सामने आती है कि मौत की वजह मारपीट या कोई अन्य कारण है, तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।” क्या है मामला?
महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में स्थित परभणी शहर के रेलवे स्टेशन के बाहर 10 दिसंबर की शाम में एक व्यक्ति ने बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास रखी संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया, इसके बाद परभणी में हिंसा भड़क गई।
पुलिस ने परभणी के शंकर नगर निवासी सोमनाथ सूर्यवंशी समेत 50 से अधिक लोगों को हिंसा में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया। अदालत ने बाद में सोमनाथ को जिला केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस के मुताबिक, हिरासत में ही सोमनाथ की तबियत बिगड़ गई और उन्हें सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के चलते सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां 15 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सोमनाथ की बेरहमी से पिटाई की थी, इस वजह से मौत हो गई। पुलिस ने आरोपों को खारिज कर दिया। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए है। हाल ही में फडणवीस ने राज्य विधानसभा में कहा था कि सोमनाथ सूर्यवंशी ने मजिस्ट्रेट को बताया था कि उन्हें प्रताड़ित नहीं किया गया और सीसीटीवी फुटेज में भी इसके कोई सबूत नहीं मिले है।