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5 से 6 मंत्रियों के शामिल होने की थी उम्मीद
दरअसल, पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं में पनप रहे आक्रोश का खुलासा तब हुआ जब मोदी कैबिनेट की घोषणा होते ही पार्टी के प्रमुख दिलीप घोष ने बगावती सुर दिखा दिए। दिलीप घोषण ने पार्टी के फैसले पर खुलकर असंतोष जाहिर किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिलीप घोष ने कहा कि मोदी सरकार में उन्हें पश्चिम बंगाल से कम से कम 5 से 6 मंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन वह केवल दो मंत्रियों से संतुष्ट नहीं हैं। आपको बता दें कि दिलीप घोष ने खुद बंगाल की मिदनापुर सीट से बड़ी जीत हासिल की है।
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बंगाल में भाजपा के पास 18 सांसद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिलीप घोष ने सरकार के फैसले पर बोलते हुए कहा कि उनकी गुरुवार को रामलाल (संगठन महामंत्री) से इस बार में बात हुई थी। संगठन महामंत्री को इस बारे में अवगत कराया गया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार उन्होंने रामलाल से बातचीत में कहा कि जब बंगाल में उनके पास केवल 2 सांसद थे तो सरकार में दोनों मंत्री बने। लेकिन अब जबकि पार्टी के पास 18 सांसद हैं, बावजूद इसके सरकार में केवल दो मंत्रियों को ही जगह दी गई। दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बेहतर प्रदर्शन के लिए उनको सरकार में कम से कम 5 से 6 मंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी।
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बंगाल मिशन अभी अधूरा
मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने के सवाल पर दिलीप घोष ने खुद को इस दौड़ से बाहर बताया। उन्होंने कहा कि वह संगठन के आदमी हैं और कभी मंत्री बनना नहीं चाहते। दिलीप ने कहा कि उनका बंगाल मिशन अभी अधूरा है, जिसका पूरा करना उनका लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि वह बंगाल में भाजपा की सरकार देखना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने आगे केंद्रीय मंत्रीमंडल में बंगाल से अन्य मंत्रियों को जगह मिलने की उम्मीद जताई है। गौरतलब है कि मोदी सरकार में पश्चिम बंगाल से केवल बाबुल सुप्रियो और देवश्री मुखर्जी को ही मंत्री बनाया गया है। दोनों को ही राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलवाई गई है।