दरअसल, लोकसभा में नए नेता की नियुक्ति के लिए कांग्रेस पार्टी में विचार चल रहा है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट पर गौर करें तो कांग्रेस के दो नेताओं का कहना है कि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका वाड्रा इसकी पूरी कोशिश कर रही हैं कि राहुल गांधी इस पद के लिए तैयार हो जाएं।
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कांग्रेस पार्टी से जुड़े इन नेताओं का यह भी कहना है कि अगर राहुल गांधी मान जाते हैं तो पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी पार्टी के बाहर किसी अन्य को दी जा सकती है। यह उन 23 नेताओं की भी मांग पूरी होने जैसा होगा, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में बदलाव की मांग की थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर निर्णय बाद में लिया जा सकता है, क्योंकि मौजूदा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का कार्यकाल 2022 तक है।
हालांकि एक बड़ी वजह यह भी है कि कांग्रेस में हर कोई नहीं चाहता है कि राहुल गांधी इस पद पर नियुक्त हों। मौजूदा समय में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी हैं। राहुल गांधी पर भाजपा लगातार संसद में उपस्थित नहीं होने को लेकर हमला करती रही है। साथ ही, संसदीय कमेटी की बैठकों में भी उपस्थित नहीं होने पर भी उन पर निशाना साधती रही है।
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दूसरी ओर, अधीर रंजन चौधरी पर सवाल उठाए जाने लगे हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल में उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीती है। उनके कुछ सहयोगियों ने ही माना है कि वह लोकसभा में पार्टी के कामकाज को ठीक से नहीं कर पा रहे हैं।