बता दें कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) बिल का जेडीयू ने विरोध किया था। जेडीयू नेता केसी त्यागी के नेतृत्व एक दल भी असम गया था। केसी त्यागी ने अपनी रिपोर्ट में एनआरसी का विरोध किया था। प्रशांत किशोर के ट्वीट को भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
Video: आरिफ मोहम्मद खान बोले- केरल का राज्यपाल नियुक्त होना सौभाग्य की बात असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है इसका असर आने वाले दिनों में भाजपा और जेडीयू के सियासी संबंधों पर दिख सकता है।
बीजेपी की सहयोगी असम गण परिषद ने भी एनआरसी लिस्ट से बाहर हुए लोगों की संख्या पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह आंकड़ा और ज्यादा होना चाहिए था।
गिरिराज सिंह का अजीबोगरीब बयान, हम देश भर में गाय पैदा करने की फैक्ट्री लगाएंगे डेटा से हुई छेड़छाड़ वहीं असम बीजेपी ने फाइनल एनआरसी लिस्ट पर नाखुशी जाहिर की है। असम बीजेपी ने एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की मांग की है। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने एनआरसी की अंतिम सूची में जगह न बना पाने वाले लोगों की संख्या पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि फाइनल लिस्ट से बाहर किए गए लोगों के नंबर कुछ ज्यादा होने चाहिए थे। हमारे पास सबूत है कि डेटा से छेड़छाड़ की गई है।