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यहां न सेकुलरिज्म…न सोशलिज्म…न डेमोक्रेसी, दिल्ली हिंसा पर छलका प्रकाश सिंह बादल का दर्द

Delhi Violence: दिल्ली हिंसा पर छलका अकाली दल ( Akali Dal ) के नेता प्रकाश सिंह बादल ( Parkash Singh Badal ) का दर्द
बादल बोले- बहुत बड़ी बदकिस्मती, अमन-शांति के साथ रहना बहुत जरूरी

Feb 28, 2020 / 09:00 pm

Kaushlendra Pathak

parkash singh badal

अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने दिल्ली हिंसा पर जिंता जताई।

नई दिल्ली। एक तरफ जहां राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) को लेकर हुई हिंसा ( Violence ) ने कई लोगों की जान ले। वहीं, दूसरी ओर इस हिंसा पर सियासत भी गरमाई हुई है। पहले आम आदमी पार्टी ( AAP ), कांग्रेस ( Congress ) और बीजेपी ( BJP ) में जंग छिड़ी थी। अब बीजेपी के सहोयगी शिरोमणि अकाली दल ( Akali Dal ) के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ( Parkash Singh Badal ) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यहां न तो सेकुलरिज्म बचा है, न सोशलिज्म बचा है और न ही डेमोक्रेसी बची है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सेकुलरिज्म, सोशलिज्म और डेमोक्रेसी को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये बहुत बड़ी बदकिस्मती है। अमन-शांति के साथ रहना बहुत जरूरी है। प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि हमारे देश के विधान में तीन चीजें लिखी हैं, जो सेकुलरिज्म, सोशलिज्म और डेमोक्रेसी है। लेकिन, यहां ना तो सेकुलरिज्म है, ना ही सोशलिज्म है। उन्होंने कहा कि अमीर और अमीर होता जा रहा है गरीब और गरीब होता जा रहा है। डेमोक्रेसी भी सिर्फ दो स्तर पर ही रह गई है, एक लोकसभा इलेक्शन और दूसरा विधानसभा इलेक्शन, बाकी कुछ नहीं बचा है। बादल के इस बयान से सियासत एक बार फिर गरमा गई है।
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इससे पहले अकाली दल के एक अन्य नेता और पूर्व पीएम इंद्रकुमार गुजराल के बेटे ने इस हिंसा को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र लिखते हुए दिल्ली पुलिस की उदासीनता पर सवाल उठाए। नरेश गुजराल ने कहा था कि हर बार अल्पसंख्यकों को ही हिंसा में निशाना बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां आपको बता दें कि इस हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। हालांकि, स्थिति अब पहले से सामान्य हैं और धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है। इससे पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी इस हिंसा को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। इतना ही नहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तो गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग की।

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