नई दिल्ली। मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्यसभा के बाद मंगलवार को लोकसभा से भी दो-तिहाई बहुमत से राज्य पुनर्गठन विधेयक पास करा लिया। विधेयक पास होते ही जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) से अनुच्छेद 370 भी समाप्त हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की स्वीकृति मिलते ही यह विधेयक प्रभाव में आ जाएगा।
मेगा प्लान तैयार जानकारी के मुताबिक विकास से वंचित और राजनीतिक रूप से मुख्यधारा से कटे जम्मू-कश्मीर के विकास का खाका भी मोदी सरकार ने तैयार कर लिया हैं। इस योजना के तहत कश्मीर में आर्थिक विकास के लिए बहुत जल्द इनवेस्टमेंट समिट आयोजित करने की योजना है।
जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) में विकास की गति तेज करने के लिए अक्टूबर, 2019 में श्रीनगर में एक बड़ा इनवेस्टमेंट समिट ऑर्गनाइज़ कर सकती है। इस समिट में देश के जाने-माने कारोबारी शिरकत करेंगे।
रणबीर दंड संहिता विकास की राह में बड़ी बाधा नहीं बता दें कि अब तक जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) में रणबीर दंड संहिता लागू थी। जिसके कारण कोई भी बाहरी कश्मीर में न तो जमीन खरीद सकता था और न ही कारोबार कर सकता था। लेकिन अनुच्छेद 370 समाप्त होने से दूसरे राज्य के लोग भी कश्मीर में जमीन खरीद पाएंगे। साथ ही कारोबारी प्लांट भी लगा पाएंगे।
इन क्षेत्रों में होगा विकास का काम गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में कहा था कि मोदी सरकार 5 साल के अंदर विकास, रोजगार सृजन, कश्मीर का एकीकरण कर वहां की तस्वीर बदलने का काम करेगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) में रेलवे, रोड, हाइवे प्रोजेक्ट, रियल एस्टेट, होटल इंडस्ट्री, रोड, संचार, मार्केटप्लेस, पर काम शुरू करने वाली है। फूड पार्क बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बहुत जल्द केंद्र सरकार कश्मीर में आर्थिक सुधार को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है। पर्यटन के लिहाज से उम्दा राज्य दरअसल, भारत में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर्यटन के लिहाज से सबसे बेहतर राज्य है। लेकिन अभी तक वहां पर पर्यटन को उस तरह से बढ़ावा नहीं मिल पाया जिस तरह का होना चाहिए। अब निवेश में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। ऐसा होने पर अर्थव्यवस्था का ग्राफ बढ़ेगा।
उच्च गुणवत्ता वाले संस्थानों का विकास होगा। पर्यटन को एक उद्योग के रूप में विकासित करने के लिए भारी मात्रा में फंड आएगा। विशेष दर्जा बीते दिनों की बात ता दें कि मोदी सरकार ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर का भूगोल बदल दिया। प्रदेश को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए स्पेशल स्टेटस देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी सभी खंडों को खत्म कर दिया।
स्पेशल स्टेटस छीनने के साथ ही जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे। इस फैसले के बाद राज्यसभा और लोकसभा से भी यह बिल पास हो चुका है। बहुत जल्द राष्ट्रपति भी इस बिल को स्वीकृति प्रदान कर देंगे। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक अमल में आ जाएगा।
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