मुकेश सहनी ने इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ 53 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। इसके बाद चुनाव के दौरान मुकेश सहनी ने अखबारों में बीजेपी के खिलाफ विज्ञापन छपवाए और मतदाताओं से भाजपा को वोट न करने के लिए कहा। चुनाव के नतीजे आए तो भले ही वीआईपी को एक सीट भी नहीं मिली पर भाजपा इस कदम से काफी नाराज हुई। माना जा रहा है कि भाजपा ने इसके बाद ही मुकेश सहनी के खिलाफ अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया। बीजेपी इस बाद से नाराज थी कि सहनी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। इसके बाद मुकेश सहनी को गठबंधन से अलग करने में बीजेपी कामयाब भी हो गई है।
यूपी चुनाव में की गई गलती को फिर दोहराया
यूपी चुनाव में की गई गलती से कोई सबक न लेते हुए सहनी ने
बिहार में 24 सीटों पर होने वाले एमएलसी चुनाव खड़े कर दिए। मुकेश सहनी की इस हरकत ने भाजपा को और नाराज ककरने का काम किया।
बिहार के बोंचहा में 12 अप्रैल को उपचुनाव होने हैं। इस सीट को लेकर बीजेपी खिलाफ VIP ने सीधे मोर्चा ही खोल दिया। ये वही सीट है जिसपर वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में वीआईपी उम्मीदवार मुसाफिर पासवान ने जीत दर्ज की थी। उनकी मौत के बाद ये सीट खाली हो गई था। इस सीट पर जब मुकेश सहनी ने उम्मीदवार खड़ा करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद भाजपा ने भी अपने उम्मीदवार के नाम की घोषण इस सीट से कर दी।
इस तरह मुकेश सहनी ने भाजपा को अपने खिलाफ कर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया। इसके बाद उनकी पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव बीजेपी में शामिल हो गए। इससे सहनी के किये कराए पर पूरी तरह पानी फिर गया।
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