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मणिपुर विधानसभा में भाजपा के तीन विधायकों के इस्तीफा देने और सहयोगी एनपीपी के सरकार से समर्थन वापस लेने के एक दिन बाद कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से संपर्क किया। एन बिरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस ने विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की।
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स्पीकर वाई खेमचंद को हटाने की भी कांग्रेस ने मांग की। कांग्रेस ने स्पीकर पर आरोप लगाया कि अपने काम करने के तरीके की वजह से वह पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहे। कांग्रेस के विधायक के मेघचंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 179 (सी) के तहत मणिपुर विधानसभा के सचिव को नोटिस दिया, जिसमें स्पीकर को पद से हटाने की मांग की गई थी। अनुच्छेद 179 (सी) में यह प्रावधान है कि विधानसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित प्रस्ताव से एक अध्यक्ष (या उपाध्यक्ष) को उसके कार्यालय से हटाया जा सकता है।
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मेघचंद्र ने पूर्व उपमुख्यमंत्री व एनपीपी के नेता वाई जॉयकुमार सिंह समेत 10 सदस्यों के समर्थन का दावा करते हुए राज्यपाल से नोटिस को स्वीकार करने का आग्रह किया। भाजपा के मुख्य सहयोगियों में से एक, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने बुधवार को समर्थन वापस ले लिया था और कांग्रेस को समर्थन देने की पेशकश की थी। NPP के चारों विधायकों को राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया था।ॉ