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यूं तो नड्डा के नाम को लेकर पहले से ही अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन नई कैबिनेट में नड्डा के शामिल न होने से भाजपा अध्यक्ष के लिए उनका नाम लगभग तय माना जा रहा है। राजजीतिक जानकारों की मानें तो शाह के मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद ‘एक व्यक्ति, एक पद’ सिद्धांत के तहत उनको भाजपा अध्यक्ष का पद त्यागना पड़ सकता है। जेपी नड्डा की अगर बात करें तो वह हिमाचल प्रदेश के ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। साफ—सुथरी छवि होने साथ ही भाजपा शीर्ष नेतृत्व के भी वह काफी करीबी माने जाते हैं।
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भाजपा सूत्रों के अनुसार नड्डा फिलहाल संसदीय बोर्ड के भी मेंबर है। इसी से पार्टी में उनके कद का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं नड्डा के साथ ही भाजपा महासचिव भूपेन्द्र यादव और ओपी माथुर भी अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।