सैयद अली शाह गिलानी ने एक ऑडियो संदेश के जरिए हुर्रियत से अपने सारे रिश्ते खत्म किए। उन्होंने कहा- हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए मैंने हुर्रियत के सारे फॉर्म से अलग होने का फैसला लिया है। इस फैसले के बारे में हुर्रियत के सारे लोगों को खत के जरिये सूचना भी दे दी है।
दरअसल गिलानी के इस्तीफे के पीछे उनकी बढ़ती उम्र और खराब तबीयत भी बड़ी वजह मानी जा रही है। 90 वर्ष के अलगाववादी नेता गिलानी की सेहत पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं चल रही है। इसी वर्ष फरवरी में उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। इसके बाद कई उनके तबीयत खराब होने की खबरें सामने आईं।
गिलानी का वर्ष 2019 में एक वीडियो वायरस हुआ था। इस वीडियो में उन्होंने कहा था कि ‘हम पाकिस्तानी हैं और पाकिस्तान हमारा है।’ इस वीडियो के गिलानी के नाम से ही गैर वेरिफायड ( जिस पर ब्लू राइट का चिन्ह ना हो ) ट्विटर अकाउंड से मई के महीने में साझा किया गया था।
गिलानी समेत अन्य हुर्रियत नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा से कथित तौर पर फंड लेने पर मामले में जांच भी की थी। दरअसल इस दौरान सैयद अली शाह गिलानी पर आरोप था कि उन्होंने जम्मूृ- कश्मीर में विध्वसंक गतिविधियों के लिए आतंकी संगठन से पैसे लिए।