दरअसल, यहां दीया कुमारी ने देवमाली गांव का अवलोकन भी किया, गांव की गलियों में पत्थर और मिट्टी से बने मकान देखे। साथ ही गांव के रहन सहन को जाना।
दीया कुमारी ने गांव के लिए क्या कहा?
इस दौरान दीया कुमारी ने कहा कि देवमाली गांव की तरह अन्य गांवों को भी सीख लेनी चाहिए, ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पशु पालन को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि ईको फ्रेंडली विशेषता के कारण देवमाली गांव बेस्ट टूरिस्ट विलेज में शुमार हुआ है। देवमाली गांव में पर्यटन बढ़े और भारत आने वाले विदेशी पर्यटक हमारे गांव की वास्तविक संस्कृति से भी रूबरू हों, इसके लिए देवमाली गांव उदाहरण है। सरकार देवमाली गांव के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। बताते चलें कि दीया कुमारी से स्थानीय विधायक ने मंदिर के लिए रोप-वे तथा ब्यावर से मसूदा तक फोरलेन सड़क की मांग की है, जिससे देवमाली आने वाले श्रृद्धालुओं को सुविधा मिल सके। उपमुख्यमंत्री से ग्रामीणों ने मोबाइल टॉवर नहीं होने और कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं होने की बात कही, जिस पर उन्होंने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत दिशा-निर्देश दिए।
देवामाली गांव की ये हैं खासियतें
गौरतलब है कि राजस्थान के ब्यावर जिले में मसूदा उपखंड में आने वाला देवमाली गांव अब अपनी ग्लोबल पहचान बनाएगा। इस साल देवमाली को देश के बेस्ट विलेज का दर्जा मिला है। यहां लोगों के पास लग्जरी कारें तो हैं, लेकिन मकान कच्चे हैं। फर्श, छत, दीवारें, रसोई से लेकर बाथरूम तक सब कच्चे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गांव का हर शख्स करीब 1100 साल पुराना भगवान देवनारायण को दिया वचन निभा रहा है।
इस गांव के 500 से ज्यादा घरों में से किसी में भी पक्की छत नहीं है। यहां के लोग घरों में ताले नहीं लगाते, गांव का क्राइम का रिकॉर्ड भी शून्य है। इस गांव को लेकर ऐसी मान्यता है कि भगवान देवनारायण ने इस गांव को आशीर्वाद दिया था।