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एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त प्रकाश रावत ने इसकी जानकारी दी। रावत ने कहा कि चुनाव में धांधली रोकने के लिए चुनाव आयोग के आईटी सेल ने एक ऐप तैयार की है। इस ऐप को खासतौर पर 2019 आम चुनाव के लिए तैयार किया गया है। जबकि पायलट प्लान के अंतर्गत ऐप का इस्तेमाल चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि ऐसा ही इस्तेमाल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान भी किया गया था। इसके लिए बंगलूरू नगर निगम की ओर से चुनाव आयोग के लि एक हू-ब-हू ऐप तैयार की गई थी, लेकिन विलंब होने के कारण चुनाव में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सका था। मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार कर्नाटक चुनाव के दौरान केवल 800 लोग ही यह ऐप डाउनलोड कर पाए थे। बता दें कि आने वाले दिनों में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम व मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। आयोग ने इन चुनावों में ई-नेत्र ऐप का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
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चुनाव आयोग के अनुसार अब एक महीने के भीतर अंदर आयोग नई ऐप को लॉन्च करने वाला है। रावत ने बताया कि चुनाव के दौरान इस ऐप को डाउनलोड कर मतदाता और जिम्मेदार नागरिक चुनाव आयोग की सहायता कर सकते हैं। चुनाव में किसी भी तरह की धांधली और गड़बड़ी पाए जाने पर कोई भी शख्स इस ऐप पर फोटो, वीडियो या आॅडियो अपलोड कर चुनाव आयोग को भेज सकता है। आयोग शिकायत का संज्ञान लेकर उस पर कार्रवाई करेगा।