महामारी या फिर प्राकृतिक आपदा
इस बीच लगभग 65,000 मृत्यु प्रमाणापत्रों का इजाफा न केवल कई मायनों में चौकाने वाला है, बल्कि लोगों को पीड़ा भी पहुंचाने वाला है। ऐसा केवल किसी महामारी या फिर प्राकृतिक आपदा की वजह से ही हो सता है। चिदंबरम ने कहा कि गुजरात सरकार ने इस साल एक मार्च 2021 से 10 मई के दोरा अधिकारिक रूप से केवल 4218 मौतों की बात ही स्वीकार की है। जबकि सरकारी आंकड़े और मृत्यु प्रमाणपत्रों की संख्या में भारी अंतर है। कांग्रेस नेता ने कहा कि गुजरात सरकार को कोविड से सरकारी मौतों कें आंकड़ों और मृत्यु प्रमाणपत्रों की संख्या के बीच भारी अंतर को लेकर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
गंगा नदी से सैकड़ों की संख्या में लोगों के शव बरामद
उन्होंने कहा कि गंगा नदी से सैकड़ों की संख्या में लोगों के शव बरामद हुए हैं, इसके रेत में भी भारी संख्या में दबे हुए शव मिले हैं। ऐसे में यह बात सीधे-सीधे समझ आ रही है कि केंद्र कुछ राज्यों के साथ मिलकर कोविड से मारे जाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या को दबा रही है। कांग्रेस नेता ने इसको एक राष्ट्रीय त्रासदी के साथ ही एक गंभीर अपराध भी बताया। उन्होंने इस मामले को लेकर केंद्र और गुजरात दोनों से स्पष्टीकरण देने की मांग की है। चिदंबरम ने कहा कि सभी राज्यों को पिछले साल और इस साल जारी किए गए मृत्यु प्रमाणपत्रों को एनएचआरसी में जमा करना चाहिए, ताकि पूरे देश की तस्वीर सामने आ सके।