दरअसल, पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने पूर्व जिलाध्यक्ष और चार बार के विधायक भीष्म शर्मा को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया था। शीला के इस फैसले का असर अब दिखने लगा है। उनके इस निर्णय का पार्टी में ही विरोध शुरू हो गया है।
निलंबन के खिलाफ रविवार को एक साथ 12 नेताओं ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भेज दिया। इसमें कहा गया है कि भीष्म शर्मा ने पार्टी विरोधी कोई काम नहीं किया है। इसके अलावा कार्रवाई से पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया गया। खास बात यह है कि सभी इस्तीफे एक ही तरीके से दिए गए हैं और इनमे कारण भी समान ही है। खास बात यह है कि इन सभी नेताओं ने पार्टी के पदों से इस्तीफा दिया जबकि पार्टी में फिलहाल सभी बने रहेंगे।
बताया जा रहा है कि जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया है वे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की ओर से पदों पर नियुक्त किए गए थे। पदों से इस्तीफा देने वाले सभी नेताओं के साथ भीष्म शर्मा ने सोमवार को एक बैठक बुलाई।
ये थी भीष्म शर्मा के निलंबन की वजह
शीला दीक्षित और भीष्म शर्मा के बीच खींचतान नई बात नहीं है। दोनों नेताओं के बीच 15 वर्ष पहले से ही विवाद चल रहा है। हालांकि शीला के सीएम रहते ये विवाद ज्यादा बाहर नहीं आया। हाल में भीष्म शर्मा के मनोज तिवारी से संपर्क में रहने पर शीला ने इस पार्टी विरोधी गतिविधि बताकर उन्हें निलंबित कर दिया था। इसके बाद से ही सारा बवाल शुरू हुआ। शर्मा ने तिवारी से मुलाकात को किसी भी तौर पर गलत नहीं बताया।