प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक इस वक्त चल रही है।
•Jun 19, 2020 / 10:25 pm•
Mohit sharma
All party Meeting में Sonia Gandhi- क्या Galwan Valley में हमला खुफिया विफलता?
इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि 5 मई को भारत—चीनी सैनिकों को संघर्ष के तुरंत बाद बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता के लिए पूरा देश एकजुट है और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया ने कहा कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट और सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। आज देशवासियों को सरकार से उम्मीद है कि वो पूरे देश को विश्वास में लेकर आगे चले और सभी विषयों में पारदर्शिता रखे। यही नहीं इस दौरान सोनिया गांधी ने सरकार पर जमकर सवाल दागे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एलएसी पर हुए चीनी सैनिकों की इन गतिविधियों की हमारी खुफिया एजेंसियों को जानकारी नहीं थी? क्या सरकार को सैटेलाइन से नियमित तस्वीरें नहीं मिल रही हैं। क्या सरकार इस खूनी संघर्ष को खुफिया सूत्रों की असफलता मानती है?
सोनिया गांधी ने बैठक में सरकार से पूछा सवाल –
-चीनी सेना ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र में किस तारीख़ को घुसपैठ की?
-सरकार को हमारे क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बारे कब जानकारी हुई?
-खबरों की मानें तो घुसपैठ 5 मई को हुई, क्या यह सही है,
-या फिर घुसपैठ उसके बाद हुई?
क्-या सरकार को नियमित रूप से, हमारे देश की सीमाओं की सैटेलाइट तस्वीरेंनहीं मिलती हैं?
-क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की जानकारी नहीं दी?
-क्या सेना के खूफिया तंत्र ने ने सरकार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी कब्जे और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे सचेत नहीं किया?
-क्या सरकार यह स्वीकार करेगी कि यह खूफिया सूचना तंत्र की असफलता है?
-चीन के नेतृत्व से राजनैतिक ओर कूटनीतिक स्तरों पर सीधे बात क्यों नहीं की गई?
-चीन पहले की तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा परपर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा?
-UPA सरकार द्वारा अप्रैल, 2013 में मंजूर की गई, माउंटेन स्ट्राइक कोर के गठन के बारे में मौजूदा स्थिति क्या है?
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि
– न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।
लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आँख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए।
– Deployment हो, Action हो, Counter Action हो, जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही है।
– आज हमारे पास ये Capability है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आँख उठाकर भी नहीं देख सकता।
– आज भारत की सेनाएं, अलग-अलग सेक्टर्स में, एक साथ Move करने में भी सक्षम है।
– बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए, बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट को प्राथमिकता दी है।
– हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं, जैसे Fighter Planes, आधुनिक हेलीकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बल दिया है।
– नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर LAC में अब हमारी पेट्रोलिंग की Capacity भी बढ़ गई है।
– पेट्रोलिंग बढ़ने की वजह से अब सतर्कता बढ़ी है और LAC पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी समय पर पता चलता है।
– जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान, अच्छी तरह से monitor कर पा रहे हैं, respond कर पा रहे हैं।
– अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं तो तनाव बढ़ता है।
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी दलों ने केंद्र सरकार के फ़ैसले का हर क़दम पर समर्थन करने की बात कही। ममता बनर्जी उद्धव ठाकरे शरद पवार जगनमोहन रेड्डी राम गोपाल यादव CPM महासचिव सीता राम येचुरी नाक में केंद्र सरकार का समर्थन किया है। शरद पवार ने तो ये तक कह दिया कि सेना के जवानों की शहादत का अपमान नहीं होना चाहिए।
इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि 5 मई को भारत—चीनी सैनिकों को संघर्ष के तुरंत बाद बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता के लिए पूरा देश एकजुट है और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया ने कहा कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट और सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। आज देशवासियों को सरकार से उम्मीद है कि वो पूरे देश को विश्वास में लेकर आगे चले और सभी विषयों में पारदर्शिता रखे। यही नहीं इस दौरान सोनिया गांधी ने सरकार पर जमकर सवाल दागे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एलएसी पर हुए चीनी सैनिकों की इन गतिविधियों की हमारी खुफिया एजेंसियों को जानकारी नहीं थी? क्या सरकार को सैटेलाइन से नियमित तस्वीरें नहीं मिल रही हैं। क्या सरकार इस खूनी संघर्ष को खुफिया सूत्रों की असफलता मानती है?
सोनिया गांधी ने बैठक में सरकार से पूछा सवाल –
-चीनी सेना ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र में किस तारीख़ को घुसपैठ की?
-सरकार को हमारे क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बारे कब जानकारी हुई?
-खबरों की मानें तो घुसपैठ 5 मई को हुई, क्या यह सही है,
-या फिर घुसपैठ उसके बाद हुई?
क्-या सरकार को नियमित रूप से, हमारे देश की सीमाओं की सैटेलाइट तस्वीरेंनहीं मिलती हैं?
-क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की जानकारी नहीं दी?
-क्या सेना के खूफिया तंत्र ने ने सरकार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी कब्जे और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे सचेत नहीं किया?
-क्या सरकार यह स्वीकार करेगी कि यह खूफिया सूचना तंत्र की असफलता है?
-चीन के नेतृत्व से राजनैतिक ओर कूटनीतिक स्तरों पर सीधे बात क्यों नहीं की गई?
-चीन पहले की तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा परपर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा?
-UPA सरकार द्वारा अप्रैल, 2013 में मंजूर की गई, माउंटेन स्ट्राइक कोर के गठन के बारे में मौजूदा स्थिति क्या है?
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि
– न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।
लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आँख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए।
– Deployment हो, Action हो, Counter Action हो, जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही है।
– आज हमारे पास ये Capability है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आँख उठाकर भी नहीं देख सकता।
– आज भारत की सेनाएं, अलग-अलग सेक्टर्स में, एक साथ Move करने में भी सक्षम है।
– बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए, बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट को प्राथमिकता दी है।
– हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं, जैसे Fighter Planes, आधुनिक हेलीकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बल दिया है।
– नए बने हुए इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से खासकर LAC में अब हमारी पेट्रोलिंग की Capacity भी बढ़ गई है।
– पेट्रोलिंग बढ़ने की वजह से अब सतर्कता बढ़ी है और LAC पर हो रही गतिविधियों के बारे में भी समय पर पता चलता है।
– जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान, अच्छी तरह से monitor कर पा रहे हैं, respond कर पा रहे हैं।
– अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं तो तनाव बढ़ता है।
इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि 5 मई को भारत—चीनी सैनिकों को संघर्ष के तुरंत बाद बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता के लिए पूरा देश एकजुट है और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया ने कहा कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट और सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। आज देशवासियों को सरकार से उम्मीद है कि वो पूरे देश को विश्वास में लेकर आगे चले और सभी विषयों में पारदर्शिता रखे। यही नहीं इस दौरान सोनिया गांधी ने सरकार पर जमकर सवाल दागे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एलएसी पर हुए चीनी सैनिकों की इन गतिविधियों की हमारी खुफिया एजेंसियों को जानकारी नहीं थी? क्या सरकार को सैटेलाइन से नियमित तस्वीरें नहीं मिल रही हैं। क्या सरकार इस खूनी संघर्ष को खुफिया सूत्रों की असफलता मानती है?
सोनिया गांधी ने बैठक में सरकार से पूछा सवाल –
-चीनी सेना ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र में किस तारीख़ को घुसपैठ की?
-सरकार को हमारे क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बारे कब जानकारी हुई?
-खबरों की मानें तो घुसपैठ 5 मई को हुई, क्या यह सही है,
-या फिर घुसपैठ उसके बाद हुई?
क्-या सरकार को नियमित रूप से, हमारे देश की सीमाओं की सैटेलाइट तस्वीरेंनहीं मिलती हैं?
-क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की जानकारी नहीं दी?
-क्या सेना के खूफिया तंत्र ने ने सरकार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी कब्जे और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे सचेत नहीं किया?
-क्या सरकार यह स्वीकार करेगी कि यह खूफिया सूचना तंत्र की असफलता है?
-चीन के नेतृत्व से राजनैतिक ओर कूटनीतिक स्तरों पर सीधे बात क्यों नहीं की गई?
-चीन पहले की तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा परपर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा?
-UPA सरकार द्वारा अप्रैल, 2013 में मंजूर की गई, माउंटेन स्ट्राइक कोर के गठन के बारे में मौजूदा स्थिति क्या है?
इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि 5 मई को भारत—चीनी सैनिकों को संघर्ष के तुरंत बाद बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता के लिए पूरा देश एकजुट है और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया ने कहा कि कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट और सरकार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। आज देशवासियों को सरकार से उम्मीद है कि वो पूरे देश को विश्वास में लेकर आगे चले और सभी विषयों में पारदर्शिता रखे। यही नहीं इस दौरान सोनिया गांधी ने सरकार पर जमकर सवाल दागे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या एलएसी पर हुए चीनी सैनिकों की इन गतिविधियों की हमारी खुफिया एजेंसियों को जानकारी नहीं थी? क्या सरकार को सैटेलाइन से नियमित तस्वीरें नहीं मिल रही हैं। क्या सरकार इस खूनी संघर्ष को खुफिया सूत्रों की असफलता मानती है?
इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि 5 मई को भारत—चीनी सैनिकों को संघर्ष के तुरंत बाद बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता के लिए पूरा देश एकजुट है और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के बीच हुई झड़प में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भाग ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुरुआती संबोधन किया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर विपक्ष का सहयोग मांगा। राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी में हुई झड़प पर भी विपक्ष के नेताओं को अपने स्तर से जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शाम पांच बजे से बुलाई गई इस बैठक में कुल 20 राजनीतिक दल भाग ले रहे हैं। मीटिंग में पांच सांसद वाले दलों को ही आमंत्रित किया गया है। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी, राजद, एआईएमआईएम जैसे कई दलों को पीएमओ ने इस मीटिंग में आमंत्रित नहीं किया, जिससे इन दलों ने सार्वजिक रूप से नाराजगी भी जताई है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक इस वक्त चल रही है। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भाग ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुरूआती संबोधन किया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर विपक्ष का सहयोग मांगा। राजनाथ सिंह ने गवलान घाटी में हुई झड़प पर भी विपक्ष के नेताओं को अपने स्तर से जानकारी दी।
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