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सूत्रों के अनुसार इस फार्मूले को लागू करने के पीछे किसी और का नहीं, बल्कि भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह का दिमाग है। दरअसल, मोदी और शाह मिलकर आने वाले लोकसभा चुनाव में 2014 के मुकाबले बड़ी जीत हासिल करना चाहते हैं। यही कारण है कि अमित शाह अपना पूरा ध्यान संगठन पर लगाते हुए 2019 लोकसभा चुनाव पर फोकस लगाए हैं। इस फार्मूले को जमीन पर उतारने के लिए भाजपा ने प्रत्येक राज्य इकाई से वहां के राजनीतिक हालात शेयर करने को कहा है। इसके अलावा विपक्षी पार्टियों की चुनावी रणनीति, गठबंधन की संभावनाओं और उससे पड़ने वाले असर व सरकार योजनाओं और लाभार्थियों की भी रिपोर्ट मांगी गई है। यही नहीं पार्टी हाईकमान ने उन नेताओं की भी कुंडली खंगालने को कहा है जो किसी अन्य दलों से आए हों।
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भाजपा के नए फार्मूले के अंतर्गत प्रत्येक लोकसभा सीट पर प्रभारी के अलावा तीन सदस्यी सोशल मीडिया टीम, तीन सदस्यी मीडिया टीम, तीन सदस्यी लीगल टीम को भी रखा जाएगा। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का फोकस उन सीटों पर अधिक रहेगा, जहां पार्टी को पिछली बार असफलता हाथ लगी थी।