दरअसल वर्तमान में चल रहे सावन माह के दौरान आज हम आपको उस पर्वत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका संबंध सीधे देवों के देव महादेव से माना जाता है।
मान्यता के अनुसार भगवान शिव आज भी यहां निवास करते हैं, यहां तक की बताया जाता है कि इस पर्वत के पास जाने पर यहां भगवान शिव के डमरू की आवाज भी सुनाई देती है। जी हां ये वहीं पर्वत है जिसे हम कैलाश पर्वत के नाम से जानते हैं। इस पर्वत से जुड़ी कई रहस्यमयी कथाएं भी मशहूर हैं।वहीं इस कैलाश पर्वत पर आने वाली कई आवाजें भी इसके रहस्य को और ज्यादा बढ़ा देती हैं। दरअसल कैलाश पर्वत के पास गए अनेक लोगों द्वारा दावा करते हुए लगातार ये कहा जाता रहा है कि यहां एक रहस्यमयी आवाज आती रहती है।
वहीं कई पर्यटक जो कैलाश पर्वत के आसपास घूम चुके हैं उनका मानना है कि इस पर्वत से डमरू की आवाज आती रहती है। ऐसे में कई लोगों का यहां तक मानना है कि यह भगवान भोलेनाथ के डमरू बजाने की आवाज है। जबकि कुछ लोगों के अनुसार कैलाश पर्वत से ऊं की ध्वनि आती रहती है। इसे लेकर कई लोग ये भी तर्क देते हुए कहते हैं कि पहाड़ों पर बर्फ जमने के बाद जब इस बर्फ से हवा टकराती है तो एक ध्वनि उत्पन्न होती है, ऐसे में इस ध्वनि से निकलने वाली गूंज ही ऊं के रूप में लोगों द्वारा सुनी जाती है।
वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार भी अलौकिक शक्तियों का वास कैलाश पर्वत पर माना गया है। ऐसे में कई भगवान यहां पर विराजमान माने जाते हैं, इन्हीं सब स्थितियों के चलते कैलाश पर्वत को स्वर्ग द्वार भी माना गया है। मान्यता है कि भगवान शिव आज भी कैलाश पर्वत पर तप कर रहे हैं। वहीं ये भी जान लें कि केवल हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि बौद्ध और जैन धर्म में भी कैलाश पर्वत को बेहद खास माना गया है। एक ओर जहां कैलाश पर्वत को बौद्ध धर्म के अनुयायी भगवान बुद्ध का निवास स्थान मानते हैं, तो वहीं कैलाश पर्वत को जैन धर्म के लोग भी बेहद पवित्र स्थल के रूप में मानते हैं।