इस आयोजन में विभिन्न राज्यों की लोक कलाओं को प्रस्तुत करने के लिए जेकेके प्रशासन ने विभिन्न संस्थाओं से सम्पर्क करना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक विभिन्न सांस्कृतिक केन्द्रों को पत्र लिखे जा रहे हैं और कलाकारों को प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। 2015 के बाद यह लोकरंग 2019 में आयोजित हुआ था और फिर 2020 में कोरोना के कारण इसकी प्लानिंग नहीं हुई। जेकेके प्रशासन कलाकारों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए भी इस आयोजन को पूरी तैयारी के साथ कर रहा है।
प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का बखान
इस आयोजन में राजस्थान के विभिन्न लोक नृत्य, गायन और वादन के कलाकार प्रस्तुतियां देने आएंगे। ये कलाकार प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का बखान करेंगे। इस कार्यक्रम में दर्शकों का उत्साह चरम पर होता है और पैरेंट्स अपने बच्चों को प्रदेश व देश की सांस्कृतिक विरासत को दिखाने स्पेशली लाते हैं। हालांकि यह हमेशा दिवाली से पहले होता है, लेकिन इस बार यह दिवाली के बाद हो रहा है। कोरोना गाइडलाइन की वजह से यह देरी हुई है।
इनका कहना है:: लोकरंग को लेकर प्लानिंग शुरू कर दी गई है। कोरोना के चलते सबसे ज्यादा लोक कलाकारों को परेशानी का सामना करना पड़ा था, ऐसे में हमने कलाकारों को मंच प्रदान के लिए इसे अच्छे से प्लान करने का निर्णय लिया है। अभी तैयारी चल रही है, जल्द ही अपू्रवल के बाद घोषणा कर दी जाएगी।
अनुराधा गोगिया, अतिरिक्त महानिदेशक प्रशासन, जवाहर कला केन्द्र