नायर ने गिरादड़ा में ऑक्सीजोन के लिए चिन्हित जमीन का अवलोकन किया। अगले माह इसकी नींव रखी जा सकती है। डॉ. नायर ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि सघन पौधरोपण के लिए पर्यावरण विशेषज्ञों द्वारा सर्वे करने के बाद लेआउट तैयार किया जा रहा है।
इसे घने जंगल के उपयोगी बनाने के लिए गोमूत्र, बायो और ऑर्गेनिक उत्पाद का उपयोग कर जमीन को तैयार किया जाएगा। इसके बाद अलग-अलग तरह के एक लाख पौधे लगाए जाएंगे।
पानी के लिए बनेगा सरोवर
जमीन के बीच में एक तालाब का निर्माण किया जाएगा। बिना उपजाऊ मिट्टी व खारा पानी होने के बाद भी ऐसा जंगल बनाया जाएगा कि दुनिया से लोग देखने आएं। इससे यहां पर्यटन भी बढ़ेगा। यह गांव पर्यावरण के लिहाज से देश में एक नजीर बनेगा। गिरादड़ा गांव के रोकड़िया हनुमान मंदिर के पास करीब 40 हेक्टेयर चारागाह गोचर भूमि पर ऑक्सीजोन तैयार किया जा रहा है। स्टडी मॉडल सेंटर बनेगा घना जंगल
यह केवल घना जंगल ही नहीं होगा, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से स्टडी मॉडल सेंटर होगा। इसमें पर्यावरण के विद्यार्थी पेड़ पौधों, मिट्टी, जीव जंतुओं इत्यादि के बारे में अध्ययन कर सकेंगे। पर्यावरण विशेषज्ञ नायर का कहना है कि यहां ऐसा जंगल होगा कि दुनिया के नक्शे पर
पाली उभर आएगा। भविष्य में यहां पर्यटन भी विकसित किया जा सकता है।
बता दें कि केरल के आरके नायर को भारत का हरित नायक यानी ग्रीन हीरो कहा जाता है। साल 2012 में गुजरात में सड़क निर्माण के लिए पेड़ काटे जा रहे थे, तब आरके नायर ने मियावाकी पद्धति से 1500 पेड़ लगाकर घना जंगल बनाया था। अब तक 12 राज्यों में 121 जंगल बनाए हैं। छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में घने जंगल बनाए हैं।