कानसिंह भाटी ने बताया कि गर्मी के दिनों में पक्षियों के लिए तो परिंडे लगाए गए, लेकिन बेमौसम बारिश व आंधी-तूफान ने हजारों पक्षियों के घरोंदों को बिखेर दिया। तब पक्षियों के लिए भी फ्लैट बनाने का ठान लिया। पक्षियों के लिए पक्के फ्लैट बनाने को लेकर तेजसिंह ने आस-पास के पांच गांवों का चयन किया है, जहां निर्माण भी शुरू हो गया है।
तेजसिंह गांव की गुरु गणेश गोशाला में प्रति माह एक लाख 11 हजार रुपए का योगदान कर रहे हैं। गोवंश के लिए कृष्ण गौशाला माण्डा को पशु एम्बुलेंस सुपुर्द कर ली। गोवंश के इलाज में देरी नहीं हो, इसके लिए पशु चिकित्सक को गायों के इलाज के लिए एक्टिवा तक मुहैया करा दी।
तेजसिंह का कहना है कि दादा शंभूसिंह से प्रेरणा मिली, जो कि पूर्व सरपंच भी रह चुके है। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर तेजसिंह अपनी कमाई का एक हिस्सा गांव के विकास में खर्च कर रहे हैं।
ग्रामीणों को मेडिकल में असुविधा की जानकारी मिली तो उन्होंने वातानुकूलित एम्बुलेंस की सुविधा करा ली। इसकी देखरेख ग्राम पंचायत कर रही है। एम्बुलेंस प्रसव, दुर्घटना, जरूरतमंद, असहाय लोगों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध रहती है।
निंबली गांव में एक परिवार के मुखिया के निधन पर उनकी बेटी की परवरिश कर रहे हैं। जिनके माता-पिता नहीं हैं, ऐसी बेटियों को शिक्षा से जोड उनकी शादी करवा रहे है। इस पहल में इनका सहयोग गांव के बुजुर्ग व युवा टीम कर रही है।