बांगड़ चिकित्सालय में बिजली गुल होने पर जनरेटर की व्यवस्था है। वहां लगा पुराना जनरेटर अस्पताल की बिजली का लोड नहीं उठा सका। जबकि नए जनरेटर में खराबी आ गई थी। जिस पर अस्पताल प्रशासन ने समय पर ध्यान नहीं दिया। जब गुरुवार को बिजली गुल हुई और जनरेटर नहीं चला तो मिस्त्री को बुलाकर दिखाया गया। इसके बाद उसे ठीक करने की कवायद शुरू की गई।
अस्पताल में तकनीकी कारणों से लाइट गुल हो जाने के कारण मरीजों की जांच हो के लिए एक्स रे मशीन व सोनोग्राफी सहित अन्य जांचें नहीं हो पाई। अस्पताल के अंदर गैलरी में लोग बगैर पंखे के पसीने से तरबतर होते नजर आए। लोगों ने बताया कि सुबह 8.30 बजे से बैठे हैं, लेकिन कोई सुध लेने वाला भी नहीं है। लाइट कब आएगी इसका भी कोई पता नहीं। ऐसे में वापस अपने गांव व शहर जाने के लिए देर होने का भी सामना करना पड़ेगा।
बिजली सप्लाई बंद हो गई थी। नया जनरेटर लगाया है। उसके उपकरण जल गए है। पुराना अधिक लोड उठा नहीं सकता है। हमने नए जनरेटर को ठीक करवाया है। –डॉ. रफीक कुरैशी, पीएमओ, बांगड़ अस्पताल, पाली
सिलिकोसिस शिविर में जांच के लिए आया था। यहां बिजली नहीं होने के कारण एक्सरे आदि की जांच नहीं हो सकी। आज की मजदूरी भी खराब हो गई। –गफूर, निवासी चांग गांव
सिलिकोसिस की जांच के लिए बांगड़ अस्पताल आया था। यहां लाइट नहीं होने के कारण जांच नहीं हो सकी। अब एक दिन फिर खराब कर वापस जांच के लिए आना पड़ेगा। –बीजाराम, निवासी रामवास, जैतारण