गत 7 अक्टूबर को जयपुर में आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 के उद्घाटन समारोह में गहलोत ने यह मुद्दा फिर उठाते हुए कहा था कि केद्र सरकार की ओर से जल्द राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, राज्य के पास सीमित जल संसाधन है। राजस्थान में चम्बल ही एक मात्र सालभर बहने वाली नदी है। राज्य के 13 जिलों में सिंचाई व पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इआरसीपी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इआरसीपी लंबे समय से सियासी मुद्दा बना हुआ है, इस बीच अब पाली जिले में जवाई बांध का बंटवारा भी पाली, सिरोही और जालोर जिले के लिए बड़ा मुद्दा खड़ा हो गया है। इसको लेकर जनप्रतिनिधि अपने-अपने हितों को ध्यान में रखकर बयानबाजी कर रहे हैं। गत 10 अक्टूबर को जवाई बांध जल वितरण समिति बैठक में भी जल संसाधनों की अतिरिक्त संभावनाएं ढूंढ़ने के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
पाली के लोगों की मांग है कि मुख्यमंत्री उनके बारे में भी सोचें और सांसद केन्द्र सरकार से समक्ष यह मुद्दा उठाए और पाली जिले के लिए स्थाई जल स्रोत से पेयजल योजना बनाएं, यह सभी जानते में जवाई बांध में जलभरा हर साल साल पूरा नहीं हो पाता है। बीते गर्मी के सीजन में पाली में खदानों का पानी पीना पड़ा और पानी के लिए ट्रेन चलाई गई।
ERCP से इन जिलों को मिलना है लाभ
इस योजना के पूरा होने पर झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों को लाभ मिलेगा। इन जिलों के बारे में भी सोचे सरकार
राज्य के पाली, सिरोही और जालोर जिले में भी अधिकांश जगह पेयजल संकट है। इनके लिए भी ठोस योजना को मूर्त रूप देने की जरूरत है।
पाली को मिलना चाहिए राजस्थान कैनाल का पानी
यह सहीं है कि पाली शहर को राजस्थान कैनाल का पानी मिलना चाहिए। इसके लिए मुख्यमंत्री से कई बार मांग की गई है। जैतारण क्षेत्र को भी कैनाल का पानी दिया जाना चाहिए। – पीपी चौधरी, सांसद, पाली।
नए सोर्स लाने होंगे
नए सोर्स लाने होंगे, अभी पाली पूरी तरह से जवाई बांध पर निर्भर है। राजस्थान कैनाल के पानी से रोहट के गांवों को जोड़ने पर काम कर रहे हैं। – महावीर सिंह सुकरलाई, कांग्रेस नेता