वेटलैंड अनदेखी के शिकार
जैव विविधता के लिए बेहद जरूरी वेटलैंड (wetlands) अनदेखी के शिकार है। कहीं अतिक्रमण का बोलबाला तो कहीं जीव-जंतुओं की सुरक्षा पर खतरा। वन विभाग की लापरवाही के कारण वेटलैंड विकसित नहीं हो पाए। अब सुप्रीम कोर्ट ने इनके सीमांकन के आदेश दिए हैं। इससे तस्वीर बदलने की उम्मीद जगी है।वेटलैंड की विशेषताएं
आर्द्रभूमि में उच्च जैव विविधता पाई जाती है तथा इसमें पारिस्थिति की उत्पादकता भी अधिक होती है। ऐसी भूमि तटीय चक्रवात, सुनामी, बाढ़ और सूखे को कम करती है। इससे भूमिगत जल के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है और ये प्रवासी पक्षियों के आकर्षण का स्थान होती है। वेटलैंड संरक्षण व संवर्द्धन से पेयजल समस्या का समाधान होने के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।वेटलैंड्स क्या है ?
वेटलैंड का मतलब होता है नमी या दलदली क्षेत्र अथवा पानी से संतृप्त भूभाग। अर्थात नमी या दलदली भूमि क्षेत्र। कई जगह सालभर पानी भरा रहता है। वेटलैंड की मिट्टी झील, नदी व तालाब किनारे का हिस्सा होता है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है, जो सालभर आंशिक या पूर्णत: जल से भरा रहता है। वेटलैंड के बहुत से लाभ है। वेटलैंड जल को प्रदूषण मुक्त बनाते है।तहसीलवार ये क्षेत्र शामिल हैं वेटलैंड में
बाली: जवाई नदी, सेला नाडी, मीठड़ी बांध, जवाई बांध, लाटाड़ा बांध, कोट बांध, फुटिया बांध, दांतीवाड़ा बांध, शिवनाथ सागर बांध, सेवाड़ी बांध, पीपला बांध, धणी बांध आदि।ये भी खास महत्व
जैव विविधता का संरक्षण : वैटलैंड अनेक प्रजातियों का निवास स्थान है।हालात ऐसे
जिला मुख्यालय पर लोर्डिया तालाब वेटलैंड घोषित है। वन विभाग ने लोर्डिया तालाब की पाळ पर इसका बोर्ड भी लगा है। वन विभाग ने केवल बोर्ड लगाने की औपचारिकता निभाई। न कभी इसकी सार-संभाल की। न अतिक्रमण हटाने के प्रयास किए। तालाब के आसपास बदहाल स्थिति है। कंटीली झाड़ियां और गंदगी तालाब को बदसूरत बना रहे हैं।…यहां महज औपचारिकता
शहर का एकमात्र पर्यटन स्थल लाखोटिया तालाब। यहां भी वेडलैंड के नाम पर कुछ भी नहीं। मजे की बात यह कि शहर के अधिकांश लोग वेटलैंड से वाकिफ नहीं है। इस बारे में कभी न प्रचार-प्रसार किया और न नियमों की जानकारी दी गई। जागरुकता और विकास के अभाव में वेटलैंड नाममात्र के घोषित है।– आर के जैन, सीसीएफ, जोधपुर
ये शामिल हैं वेटलैंड में
द्वीप: 45टैंक/तालाब : 652
जलाशय/बैराज : 55
नदी/धारा : 38
जलमग्न स्थल: 1
झील: 1