अभियान में 500 रुपए में गैस सिलेण्डर, 100 यूनिट तक बिजली निःशुल्क, किसानों को 2000 यूनिट निःशुल्क बिजली, अन्नपूर्णा फूड पैकेटस, मनरेगा व शहरी रोजगार गारंटी में अतिरिक्त कार्य दिवस, न्यूनतम 1000 रुपए पेंशन, पालनहार, चिरंजीवी योजना व कामधेनू योजना के तहत पंजीयन होना है।
जिला कलक्टर नमित मेहता के अनुसार पाली जिले में इन सभी योजनाओं में जिले के लगभग 85 प्रतिशत से ज्यादा परिवार कवर हो रहे हैं। इसलिए अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित करें कि शिविरों में सभी पात्र लोगों का पंजीयन हो। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों, ब्लॉक व गांव लेवल के अधिकारियों-कार्मिकों के साथ बैठकर उन्हें सक्रिय करें।
महंगाई राहत केम्प में रजिस्ट्रेशन के लिए कई योजाओ के लिए जनआधार नंबर जरूरी है। शिविर में जनआधार कार्ड में दर्ज परिवार का कोई भी वयस्क व्यक्ति पहुंच कर पंजीयन करा सकता है, इसके लिए मुखिया की उपस्थिति जरूरी नहीं है। बिजली योजना का लाभ लेने के लिए के नंबर तथा मनरेगा व शहरी रोजगार गारंटी योजना के लिए जॉब कार्ड नंबर की भी जरूरत रहेगी।
-जो परिवार योजनाओं के लिए पात्र हैं, उनकी सूची पहले से सरकार के पास है। ऐसे में राहत शिविर के नाम पर राज्य सरकार योजनाओं को राजनीतिकरण कर रही है। लोगों को बार-बार जताने का प्रयास किया जा रहा है कि सरकार उनके लिए क्या-क्या किया है। शिविरों में लोगों को कतार में खड़ने की जरूरत नहीं थी। यह चुनावी फायदा लेने की असफल कोशिश है। –ज्ञानचंद पारख, विधायक पाली