जिले के सरकारी अस्पतालों में पिछले साल हर माह औसत 261 सिजेरियन प्रसव करवाए जाते थे। वहीं अप्रेल व मई में यह संख्या औसत 202 रही। इस तरह 59 केस औसत सिजेरियन से कम रहे। जबकि निजी अस्पतालों की बात करते तो वहां 33 सिजेरियन डिलेवरी सामान्य दिनों की तुलना में कम की गई।
जिले में अप्रेल 2019 से मार्च 2020 के बीच निजी व सरकारी अस्पतालों में 39 हजार 749 प्रसव के केस आए। इनमें से 4291 सिजेरियन प्रसव करवाए गए। जबकि अप्रेल-मई 2020 में 5176 महलाएं प्रसव के लिए निजी व सरकारी अस्पताल पहुंची। इनमें से 530 के सिजेरियन प्रसव करवाए गए।
जिले में सरकारी व निजी अस्पतालों में अप्रेल 2019 से मार्च 2020 तक माह में औसत 3312 महिलाओं का प्रसव कराया गया। जबकि लॉकडाउन लगने के बाद अप्रेल-मई 2020 में इसमें 724 केस की कमी आई और 2588 महिलाओं का ही प्रसव कराया गया।
लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण से पहले चिकित्सक प्रसुता को अधिक तकलीफ होने पर सिजेरियन का निर्णय कर लेते थे। अब कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर स्थिति होने पर ही ऐसा किया जा रहा है। इससे सिजेरियन में कमी आई है। – डॉ. राजेन्द्र अरोड़ा, पीएमओ, बांगड़ चिकित्सालय, पाली
अप्रेल 2019 से मार्च 2020 तक
-सरकारी अस्पताल में प्रसव 30,596
-सरकारी अस्पताल में सिजेरियन प्रसव 3137
-निजी अस्पतालों में प्रसव 9153
-निजी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव 1154 अप्रेल-मई 2020 में
-सरकारी अस्पतालों में प्रसव 4077
-सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव 404
-निजी अस्पतालों में प्रसव 1099
-निजी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव 126