संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में खुलासा,एक साल में वायु प्रदूषण से मर गए 42 लाख लोग
बयान में कहा गया कि पिछले अनुभवों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत सरकार की और से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन को लागू किए जाने के पीछे के पीछे वहां के स्थानीय लोगों की इच्छाओं का दमन करना है। बता दें कि 19 जून को भाजपा ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया, जिसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है।
कश्मीर में समर्थन वापसी के पीछे भाजपा की बड़ी रणनीति, लोकसभा और विधानसभा चुनाव करा सकती है एक साथ!
कांग्रेस ने साधा निशाना
वहीं कांग्रेस ने कश्मीर में ताजा हालातों को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर सवाल दागा है कि राज्य में हालात सुधारने और शांति कायम करने के लिए उनके पास अब कौन सी योजना है। कांग्रस ने भाजपा पर जम्मू-कश्मीर में अराजकता का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश में भाजपा-पीडीपी के तीन साल के शासन में उग्रवादी ताकतें मजबूत हुईं।कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अंबिका सोनी ने कहा कि भाजपा सत्ता हथियाने और राजनीतिक अवसरवाद का फायदा उठाने के लिए पिछले तीन साल में प्रदेश में लोगों के साथ चले रहे रचनात्मक अनुबंद को नाकाम कर दिया और सुरक्षा के हालात को संकट में डाल दिया। राज्य में अराजकता का माहौल पैदा कर दिया जिससे उग्रवाद, कुशासन और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला।