दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी (Pakistan Foreign Minister Shah Mahmood Qureshi) ने मंगलवार को एक बयान में दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तालिबान का साथ नहीं दिया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नीति स्पष्ट है, हम अपने और पड़ोसियों के साथ शांति से राजनीतिक रूप से समावेशी, संप्रभु और समृद्ध अफगानिस्तान का समर्थन करते हैं। अफगान लोगों की सुरक्षा और सुरक्षा और उनके अधिकारों की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को निकटता से जुड़े रहना चाहिए।
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कुरैशी ने कहा कि दुनिया तालिबान (अफगानिस्तान) को ऐसे अकेले नहीं छोड़ सकती है। यदि पिछली गलतियों को दोहराते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय आर्थिक बर्बादी के कगार पर खड़े युद्धग्रस्त देश को अकेले छोड़ देगी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। बता दें कि महमूद कुरैशी ने ये बात जर्मनी के अपने समकक्ष हीको मास के साथ एक प्रेस वार्ता के दौरान कही।
पाकिस्तान ने 30 लाख अफगानियों को दी शरण: कुरैशी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान के साथ जुड़ना चाहिए और मानवीय सहायता जारी रखना चाहिए। अफगानिस्तान को आर्थिक तौर पर बर्बाद होने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 30 लाख अफगान शरणार्थियों को शरण दी है। अब दुनिया को मिलकर एक ऐसा माहौल बनाना है, जिससे लोग अफगानिस्तान से पलायन न करें। तालिबान की तारीफ करते हुए कुरैशी ने कहा कि हालिया बयान बहुत ही उत्साहवर्धक है। हालांकि, कुरैशी ने यह भी कहा कि तालिबान को मानवाधिकारों व अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति सम्मान दिखाना होगा।
बता दें कि मंगलवार तड़के अमरीकी सैनिकों का आखिरी ग्रुप ने भी अफगानिस्तान को छोड़ दिया। इसके साथ ही अब अफगानिस्तान पर तालिबान का पूर्ण कब्जा हो गया है। तालिबान ने अमरीकी सैनिकों के जाने का जश्न मनाया और आजादी की घोषणा भी की।