क्या है मोदी के शपथ ग्रहण में SAARC की बजाय BIMSTEC देशों को बुलाने की वजह
पाक सेना के अपने कानून और कोर्ट हैं
बता दें कि पाकिस्तानी आर्मी के अपने ही कोर्ट और कानून है, जिसके तहत वे किसी भी अधिकारी वे नागरिक को सजा देते हैं। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसका अर्थ है कि वह पाकिस्तानी कानून के तहत 14 साल जेल की सजा काटेंगे। इसके अलावे एक सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर राजा रिज़वान को वसीम अकरम जो कि एक सेना संगठन द्वारा नियोजित नागरिक चिकित्सक हैं के साथ मौत की सजा सुनाई गई थी। आर्मी की ओर से यह नहीं बताया कि तीनों आरोपियों ने किस तरह की सूचना को लीक किया या फिर किसने यह खुलासा किया। यह भी साफ नहीं है कि जब दोनों अधिकारी इस केस के शुरू होने से पहले ही रिटायर्ड हो चुके थे तो फिर यह मामला सामने कैसे आया? मालूम हो कि पाक आर्मी अपने बनाए हुए कानून और कोर्ट में आरोपी सैन्य अधिकारियों को हमेशा बंद दरवाजों के पीछे सुनवाई करती है और फिर उसे सजा दी जाती है। सैन्य प्रक्रियाओं के अनुसार फैसले को केवल चुनौती दी जा सकती है या समीक्षा की जा सकती है।
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