पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इमरान सरकार की तारीफ कर रहे हैं और यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि इमरान खान ने आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलेरेंस की नीति अपनाई है। लिहाजा हाफिज सईद की गिरफ्तारी भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बढ़ाया गया एक कदम है।
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हालांकि हाफिज की गिरफ्तारी पर कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं और इमरान खान की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। चूंकि भारत ने कई बार हाफिज को लेकर डोजियर सौंपे लेकिन पाकिस्तान ने अपर्याप्त बताकर कार्रवाई करने से इनकार करता रहा है।
इससे पहले भी हाफिज को कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन कुछ ही दिन में वह जेल से बाहर आ जाता है और भारत के खिलाफ आतंकवादी षड़यंत्र रचता रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है, क्या एक बार फिर से पाकिस्तान दुनिया की आखों में धूल झोंकने के लिए हाफिज को गिरफ्तार किया है? क्या पाकिस्तान की ओर से आतंक के खिलाफ लड़ाई में ढ़ोंग क्या जा रहा है?
हाफिज के खिलाफ दर्जनों मुकदमेें दर्ज
हाफिज सईद के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। पाकिस्तान ने हाफिज पर आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित करीब 23 मामले दर्ज किए हैं। इसमें टेरर फंडिंग और ट्रेनिंग देने के आरोप भी शामिल हैं।
इससे पहले पंजाब के आतंकवाद-रोधी विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि जमात उद दावा, लश्कर-ए-तैयबा और फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन में बड़े पैमाने पर जांच शुरू की गई है। हाफिज सईद इन संगठनों के जरिए इकट्ठा किए गए पैसे का इस्तेमाल चरमपंथी गतिविधियों के लिए किया है।
हालांकि इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा और फलाहे इंसानियत फाउंडेशन के 13 सदस्यों के खिलाफ पंजाब के अलावा कई शहरों में 23 मुकदमें दर्ज किए गए। साथ ही संगठनों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई।
भारत ने कई बार सौंपे हैं डोजियर
भारत ने पाकिस्तान को हाफिज सईद और अन्य आतंकियों के खिलाफ सबूत के तौर पर डोजियर सौंपे हैं। लेकिन पाकिस्तान ने हर बार अपर्याप्त और अधूरे सबूत होने की बात कहते हुए खारिज किया है।
मुंबई हमले के मास्टर माइंड रहे हाफिज को लेकर पाकिस्तान को डोजियर सौंपे गए थे, लेकिन पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाल ही में पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर भी सबूत सौंपे, पर इमरान खान ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इससे पहले उरी और पठानकोट हमले को लेकर भी भारत ने सबूत सौंपे। यहां तक की पाकिस्तानी जांच एजेंसी को भी पठानकोट एयरबेस में जांच के लिए बुलाया गया। फिर भी पाकिस्तान ने तमाम सबूतों को मानने से इनकार कर दिया।
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ऐसे में एक बार फिर से सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान दुनिया की आखों में धूल झौंकने के लिए हाफिज को गिरफ्तार किया है? क्या पाकिस्तान ढ़ोंग कर रहा है?
आतंकी हाफिज की गिरफ्तारी पर भारत सरकार में मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे पाकिस्तान का नाटक बताते हुए कहा कि पाकिस्तान पहले भी गिरफ्तारी का नाटक कर चुका है, उसका भरोसा नहीं किया जा सकता।
हाफिज सईद कई बार हो चुके हैं गिरफ्तार
यह पहला मौका है जब पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई करने के लिए कदम उठाया है। अब यह दिखावा है या ढ़ोंग या फिर सही मायने में कार्रवाई, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। पर पाकिस्तान की मंशा पर सवाल उठना लाजमी है। क्योंकि हाफिज को इससे पहले भी गिरफ्तार किया गया था। लेकिन कुछ ही दिन बाद हाफिज बाहर आ गए।
हाफिज सईद पर कई मामले दर्ज हैं। आतंकी फंडिंग से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नजरबंद हो चुके हाफिज सईद को अदालत की ओर से राहत मिलती रही है।
राजनीतिक हैसियत भी हाफिज सईद का काफी बढ़ गया है। ऐसे में कार्रवाई करना आसान नहीं रहा है। हर बार किसी न किसी तरह से वह बचता रहा है।
लिहाजा इस बार भी ऐसा माना जा रहा है कि कुछ दिन के अंदर हाफिज जेल से बाहर आ जाएगा। बेशक पहली बार जेल के अंदर हाफिज को पहुंचाया गया है।
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