scriptआपकी बात, विवाह समारोहों में ज्यादा खर्च करने की प्रवृत्ति क्यों बढ़ रही है? | Why is the trend of spending more on wedding ceremonies increasing? | Patrika News
ओपिनियन

आपकी बात, विवाह समारोहों में ज्यादा खर्च करने की प्रवृत्ति क्यों बढ़ रही है?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं …..

जयपुरNov 12, 2024 / 04:11 pm

Gyan Chand Patni

File Photo

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं …..

वर्चस्व बढ़ाने का लक्ष्य
देखा देखी और समाज में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए आजकल विवाह आयोजनों में ज्यादा खर्च करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
-राजकुमार पाटीदार, सुनेल, झालावाड़
……………….
दिखावे के लिए खर्च
विवाह भी एक बड़ा उत्सव है। लोग अपनी सामाजिक और आर्थिक प्रतिष्ठा दिखाने के लिए बढ़-चढ़ कर धन का अपव्यय कर विवाह समारोह को खर्चीला बनाते जा रहे हैं। संजीव देव, रावतसर ,हनुमानगढ़
………
नहीं है कोई रोक-टोक
कभी शादी विवाह दो परिवारों व दो आत्माओं के मिलन का एक संस्कार माना जाता था। अब यह महज एक वृहद आयोजन या उत्सव बन कर रह गया है। ऐसे में नवधनाढ्य वर्ग दिखावे के लिए खूब खर्च करता है। व्यक्तिगत व संस्थागत रोक-टोक के अभाव में विवाह आयोजनों में आजकल खर्च ज्यादा किया जा रहा है।
नीतू शर्मा , बेंगलूरू
……………………
फंस जाते हैं कर्ज के जाल में
लोग अपनी झूठी शान और दिखावा करने के लिए शादियों में पैसा पानी की तरह बहाते हैं। महंगे कपड़ों, महंगी गाडिय़ों, मैरिज गार्डन, डीजे पार्टियों और शराब के साथ आलीशान शादी का दिखावा करते हैं। इस कारण कई परिवार कर्ज के जाल में भी फंस जाते हैं। सादगी के साथ भी आकर्षक विवाह समारोह का आयोजन किया जा सकता हैं और फिजूलखर्ची से बचा जा सकता हैं।
-झंवरलाल नायक, बीकानेर
……………
सादगी से हो शादी
शादियां एक पवित्र बंधन हैं, इन्हें दिखावे का माध्यम नहीं बनाना चाहिए। सादगीपूर्ण शादी न केवल पैसे बचाती है बल्कि पर्यावरण को भी बचाती है। हमें समाज में सादगीपूर्ण शादी को बढ़ावा देना चाहिए।
-राजूराम प्रजापत, माडपुरा, नागौर
……………..
फिजूलखर्ची से बचें
महंगे आभूषण, आतिशबाजी, महंगी साज सज्जा, मेहमानों की अधिकता और दिखावे के विवाह आयोजनों से फिजूलखर्ची स्वाभाविक है। मर्यादित और दिखावा रहित विवाह आयोजनों को प्राथमिकता देकर फिजूलखर्ची से बचा जा सकता हैं!
-डॉ. मदनलाल गांगले जावरा, रतलाम, मप्र
…………………
बन रहे हैं कर्जदार
विवाह समारोह में दिखावे की बढ़ती प्रवृत्ति निम्न और मध्यमवर्गीय परिवारों को कर्जदार बना रही है। वे अपनी अचल संपत्ति बेचने के लिए भी मजबूर हो रहे हैं। यह स्थिति चिंताजनक है।
-शिवजी लाल मीना, जयपुर

Hindi News / Prime / Opinion / आपकी बात, विवाह समारोहों में ज्यादा खर्च करने की प्रवृत्ति क्यों बढ़ रही है?

ट्रेंडिंग वीडियो