-अजीतसिंह सिसोदिया, खारा, बीकानेर
पहाड़ों एवं वृक्षों की अंधाधुंध कटाई चल रही है। आवासीय एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के निर्माण के समय भी पेड़-पौधों की कटाई होती है। इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है और जलवायु परिवर्तन की स्थिति पैदा हो गई है।
- आलोक ब्यौहार सिहोरा, मप्र
……………… - समस्या पर ध्यान ही नहीं
जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को लेकर लोग गंभीर नहीं हैं। इसीलिए इस समस्या के समाधान पर काम नहीं हो रहा। इसके दुष्परिणाम पूरी दुनिया में सामने आ रहे हैं। अगर अब भी हमने इस समस्या के समाधान पर ध्यान नहीं दिया तो हालात विकट हो जाएंगे।
-डॉ. मदनलाल गांगले जावरा, रतलाम, मप्र
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जंगलों के पेड़ काटे जा रहे हैं और वहां खेती की जा रही है या फिर मकान बनाए जा रहे हैं। आवासीय क्षेत्रों में थोड़े बहुत पेड़ बचे थे, उनकी भी कटाई हो रही है। प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़
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जीवाश्म ईंधनों का अत्यधिक उपयोग तथा वनों का अत्यधिक दोहन जलवायु परिवर्तन की समस्या पर काबू पाने में रुकावट है। समस्या की गंभीरता पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
- सतवीर प्रजापत, चूरू
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जलवायु परिवर्तन विकराल समस्या बनती जा रही है। यह गंभीर वैश्विक पर्यावरणीय संकट है, मगर सिर्फ बातें हो रही हंै, धरातल पर काम कम ही हो रहा है। विकसित देश विकासशील देशों पर आरोप लगा रहे हैं कि वे कार्बन उत्सर्जन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। समय की जरूरत है कि सभी मिलजुलकर इस समस्या का निराकरण करें।
-साजिद अली, इंदौर