अगर आप भौतिक शरीर छोड़ देते हैं और किसी दूसरी तरह से रहते हैं, तो ये फिर भी दूसरी तरह का बंधन है। हर वह चीज जो अस्तित्व में है, वह किसी न किसी नियम से बंधी है। मुक्ति का मतलब है कि आपने सभी नियमों को, कायदों को तोड़ दिया है और सभी नियम तभी तोड़े जा सकते हैं, जब आपका अस्तित्व ही नहीं रहता। निर्वाण ज्यादा सही, ज्यादा उपयुक्त शब्द है, क्योंकि निर्वाण का मतलब है – अस्तित्व न होना। जब कोई अस्तित्व ही नहीं है, तब आप मुक्ति से भी मुक्त हैं, क्योंकि मुक्ति भी एक तरह का बंधन है।